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Search Result : "संस्‍कृत शिक्षक"

तीसरी कक्षा से ही हिंसक था ओरलैंडो का बंदूकधारी

तीसरी कक्षा से ही हिंसक था ओरलैंडो का बंदूकधारी

ओरलैंडो के नाइटक्लब में गोलीबारी करने वाले बंदूकधारी के स्कूल के रिकॉर्ड की जांच में पाया गया है कि महज तीसरी कक्षा में वह अकसर सेक्स और हिंसा की बातें करता था। हाईस्कूल पूरा होने से पहले उसे लड़ाई-झगड़ा करने और सहपाठियों को चोट पहुंचाने समेत कई गलतियों की वजह से कुल 48 दिन के लिए निलंबित भी किया गया था।
सनातन संस्था को प्रतिबंधित करने के खिलाफ हैं महात्मा गांधी के प्रपौत्र

सनातन संस्था को प्रतिबंधित करने के खिलाफ हैं महात्मा गांधी के प्रपौत्र

महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के सिलसिले में जांच के घेरे में आई सनातन संस्था को प्रतिबंधित करने का विरोध किया और कहा कि किसी संगठन पर पाबंदी लगाना अलोकतांत्रिक है।
यूजीसी के नए नियमों के खिलाफ डीयू शिक्षकों का संसद तक मार्च

यूजीसी के नए नियमों के खिलाफ डीयू शिक्षकों का संसद तक मार्च

विश्वविद्यालय शिक्षकों पर काम को बोझ बढ़ाने औऱ अपने अकादमिक प्रदर्शन के आकलन के लिए यूजीसी के नए मानदंडों के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने सोमवार को बड़ी संख्या में संसद तक मार्च निकाला।
बांग्लादेश में हिंदू शिक्षक को मिला न्याय

बांग्लादेश में हिंदू शिक्षक को मिला न्याय

बांग्लादेश के अधिकारियों ने एक हाई स्कूल के हिंदू प्रधानाचार्य को आज उनके पद पर बहाल कर दिया। अधिकारियों ने माना उनकी बर्खास्तगी अवैध थी। बर्खास्त शिक्षक से उठक-बैठक करा कर उसका अपमान करने वाले सांसद के खिलाफ पूरे देश में हजारों शिक्षकों ने रैलियां निकालीं।
चर्चाः शिक्षा न व्यापार, न रहे मोहताज | आलोक मेहता

चर्चाः शिक्षा न व्यापार, न रहे मोहताज | आलोक मेहता

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि ‘शिक्षा व्यापार नहीं बल्कि उत्कृष्‍ट कार्य है। शिक्षा का उद्देश्य देश के लोगों को शिक्षित और सशक्त बनाना है। राज्य सरकारों द्वारा संयुक्‍त प्रवेश परीक्षा लिया जाना या फीस निर्धारित करना शिक्षण संस्‍थानों की स्वायत्तता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है।’
चर्चाः पत्थर का सिंहासन, न्याय के आंसू | आलोक मेहता

चर्चाः पत्थर का सिंहासन, न्याय के आंसू | आलोक मेहता

देश-दुनिया को न्याय दिलाने वाले भारतीय न्यायाधीशों की कोई यूनियन नहीं होती। वे नारे नहीं लगा सकते। विरोध में प्रदर्शन नहीं कर सकते। स्वयं बनाई आचार संहिता के तहत अधिकांश न्यायाधीश भव्य पार्टियों से भी बचते रहते हैं। निजी समारोह में भी कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करते। विधि संस्‍थानों अथवा प्रतिष्ठित संस्‍थानों को छोड़कर सभाओं को संबोधित करने नहीं जाते। केवल सत्य निष्‍ठा और निष्पक्ष न्याय उनका मूल मंत्र और लक्ष्य होता है। कानूनी ग्रंथों के अलावा अदालत में प्रस्तुत प्रकरणों की मोटी फाइलें दिन-रात पढ़ते और फैसले लिखते हैं।
बिना स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं डीयू के 22 से ज्यादा कॉलेज

बिना स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं डीयू के 22 से ज्यादा कॉलेज

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के 77 कॉलेजों में से 22 से ज्यादा कॉलेज बिना किसी स्थायी प्रिंसिपल के चल रहे हैं। इससे नाराज विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ ने नियुक्ति की प्रक्रिया को व्यवस्थित बनाने की मांग की है।
वाम विचारधारा वाले शिक्षक अब जेएनयू में आजादी पर करेंगे बात

वाम विचारधारा वाले शिक्षक अब जेएनयू में आजादी पर करेंगे बात

पिछले कुछ दिनों से विवादों के केंद्र में रहे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में राष्ट्रवाद पर व्याख्यानों की महीने भर चली श्रृंखला के समाप्त होने के बाद विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने अब आजादी पर प्रस्तुति का सिलसिला शुरू करने का फैसला किया है।
जेएनयू प्रकरण पर दो फाड़ हुए आईआईटी बॉम्बे के शिक्षक

जेएनयू प्रकरण पर दो फाड़ हुए आईआईटी बॉम्बे के शिक्षक

आईआईटी बॉम्बे के शिक्षकों के एक समूह ने कहा है कि उच्च शिक्षा के कुछ संस्थान ऐसी गतिविधियों की शरणस्थलियां बन गए हैं, जो राष्ट्रहित में नहीं हैं। शिक्षकों के इस समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की है कि वे छात्रों को परिसरों में विचारधाराओं के युद्ध का पीड़ित न बनने का संदेश दें।
आईआईटी शिक्षकों की अपील, राष्ट्रवाद की परिभाषा न थोपे सरकार

आईआईटी शिक्षकों की अपील, राष्ट्रवाद की परिभाषा न थोपे सरकार

विभिन्न शिक्षण संस्थानों में सरकार की जरूरत से ज्यादा पहुंच और विरोध एवं मतभेदों को दबाने की कथित कोशिशों की निंदा करते हुए आईआईटी बाॅम्बे के शिक्षकों ने आंदोलनरत जेएनयू छात्रों का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार को लोगों पर राष्ट्रवाद की परिभाषा नहीं थोपनी चाहिए।
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