समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। इसके साथ ही पार्टी भाजपा के झूठ को भी प्रचारित करने का प्रयास करेगी।
समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर चर्चा में रही कौमी एकता दल का अंततः विलय तय है। समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी शिवपाल यादव का कहना है कि हर हाल में कौमी एकता दल का पार्टी में विलय होगा।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश सोशल मीडिया वालंटियर्स मीट को संबोधित करते हुए कहा कि आज प्रदेेश सपा और बसपा की सरकारों के बीच फंस कर रह गया है। इसलिए विकास नहीं हो रहा है। उन्होने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि प्रदेश सपा, बसपा के छलावे से बाहर निकले।
यूपी में चुनाव से पहले दलबदल का माहौल तो है ही। परिवार को भी राजनीति में लॉन्च करने की शुरूआत हो गई है। यूपी के मंत्री आजम खान ने अपने बेटे अब्दुल्ला खान को राजनीति में उतारने की घोषणा कर दी है।
हाल के दिनों में अपने कई नेताओं के पार्टी छोड़कर चले जाने के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज दावा किया कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की दौड़ में उनकी पार्टी दूसरों से कहीं आगे है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि सपा, भाजपा और कांग्रेस गुप्त समझौते के तहत यह छवि गढ़ने की कोशिश कर रही हैं कि बसपा की हालत काफी कमजोर है।
उत्तर प्रदेश में मंत्रियों का कोई जवाब नहीं। यहां की अखिलेश सरकार के मंत्रियों ने पॉकेट मनी के नाम पर 8.78 करोड़ रुपए उड़ा दिए हैं। चार साल के दौरान इसमे से सबसे ज्यादा खर्च अरुण कुमार कोरी और आजम खां ने किया है। एक तरफ जहां दोनों ने पॉकेट मनी के नाम पर सरकार के 22.93 लाख और 22.86 लाख खर्च किए वहीं सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई यानी अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने पॉकेट मनी के नाम पर एक पैसा नहीं लिया।
अगले वर्ष जनवरी से लेकर मई तक देश में पांच राज्यों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए विभिन्न पार्टियों ने हेलीकॉप्टरों की बुकिंग शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि पिछले चुनावों की तरह इस बार भी सबसे अधिक हेलीकॉप्टर भारतीय जनता पार्टी ही बुक कराएगी क्योंकि सबसे अधिक स्टार प्रचारक भी उसके पास ही हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि अगले चुनावों में प्रदेश की जनता बदलाव के लिए वोट देगी और उसकी पहली पसंद भाजपा है।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर राजनीतिक रणनीति चरम पर है। प्रदेश में दलबदल के बीच चुनाव पर सटीक अनुमान लगाना एक कठिन कवायद है। 2017 में यूपी की सत्ता को जानने के लिए एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए ओपिनियन पोल के परिणाम आश्चर्यजनक हैं। इस पोल में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हुए तो सपा को 403 सीटों में से 141 से 151 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 124 से 134 सीटें और बसपा 103-113 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस की हालत काफी खराब है। उसे 8 से 14 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में थोड़ी देर है लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) गठबंधन के लिए सहयोगी दल की खोज में सक्रिय हो गई है। पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह यूपी में भाजपा, सपा और कांग्रेस के अलावा किसी भी दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं।