कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को बसपा के हाथी को धन खाने वाला और सपा की साइकिल को पंक्चर बताते हुए तकदीर बदलने के लिए जनता से हाथ का साथ देने को कहा।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में विकास के बजाय भाजपा ने केवल सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत करने का काम किया है।
पिछले चार साल से भी अधिक समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे मध्यम गति के तेज गेंदबाज प्रवीण कुमार अब राजनीति में हाथ आजमाएंगे। अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत के लिए कुमार रविवार को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दल तरह-तरह की रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसी क्रम में बसपा छोड़ चुके पूर्व मंत्री आरके चौधरी बसपा के खिलाफ ही परिवर्तन यात्रा करने जा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए रणनीति बनाने में जुट गई है। इसके साथ ही पार्टी भाजपा के झूठ को भी प्रचारित करने का प्रयास करेगी।
समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर चर्चा में रही कौमी एकता दल का अंततः विलय तय है। समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी शिवपाल यादव का कहना है कि हर हाल में कौमी एकता दल का पार्टी में विलय होगा।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश सोशल मीडिया वालंटियर्स मीट को संबोधित करते हुए कहा कि आज प्रदेेश सपा और बसपा की सरकारों के बीच फंस कर रह गया है। इसलिए विकास नहीं हो रहा है। उन्होने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि प्रदेश सपा, बसपा के छलावे से बाहर निकले।
हाल के दिनों में अपने कई नेताओं के पार्टी छोड़कर चले जाने के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज दावा किया कि अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की दौड़ में उनकी पार्टी दूसरों से कहीं आगे है। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि सपा, भाजपा और कांग्रेस गुप्त समझौते के तहत यह छवि गढ़ने की कोशिश कर रही हैं कि बसपा की हालत काफी कमजोर है।
यूपी में चुनाव से पहले दलबदल का माहौल तो है ही। परिवार को भी राजनीति में लॉन्च करने की शुरूआत हो गई है। यूपी के मंत्री आजम खान ने अपने बेटे अब्दुल्ला खान को राजनीति में उतारने की घोषणा कर दी है।
उत्तर प्रदेश में मंत्रियों का कोई जवाब नहीं। यहां की अखिलेश सरकार के मंत्रियों ने पॉकेट मनी के नाम पर 8.78 करोड़ रुपए उड़ा दिए हैं। चार साल के दौरान इसमे से सबसे ज्यादा खर्च अरुण कुमार कोरी और आजम खां ने किया है। एक तरफ जहां दोनों ने पॉकेट मनी के नाम पर सरकार के 22.93 लाख और 22.86 लाख खर्च किए वहीं सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई यानी अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव ने पॉकेट मनी के नाम पर एक पैसा नहीं लिया।