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Search Result : "समान आचार संहिता"

मोदी के मन की बात पर आयोग की मौन सहमति

मोदी के मन की बात पर आयोग की मौन सहमति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रविवार को रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के जरिये देश को संबोधित करेंगे। बताया जाता है कि चुनाव आयोग ने बिहार में लागू चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर इस कार्यक्रम के प्रसारण पर लाल झंडी नहीं दिखाई है।
झुककर बिहार छीनने की कोशिश | नीलाभ मिश्र

झुककर बिहार छीनने की कोशिश | नीलाभ मिश्र

चुनाव आयोग का बिगुल बजने से पहले और चुनाव अभियान चल निकलने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने नतीजे दिखाने शुरू कर दिए। कुछ बानगी:
इशांत शर्मा पर मैच फीस का 65% जुर्माना

इशांत शर्मा पर मैच फीस का 65% जुर्माना

भारत के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा पर के पी सारा ओवल में श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दौरान एक दिन में दो बार आईसीसी आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए मैच फीस का 65 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है।
आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
समान सिविल कोड की राजनीति खत्म कर, मुसलमान औरत को इंसाफ दो

समान सिविल कोड की राजनीति खत्म कर, मुसलमान औरत को इंसाफ दो

मौजूदा सरकार बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में समान सिविल कोड लाने की बात कही गई। इसके चलते इस कोड का जिक्र बार-बार उठता है। लेकिन समान सिविल कोड को लाने की बात करने वालों के असल इरादे कोई नहीं जानता! भारतीय जनता पार्टी या फिर उनकी सरकार ने कभी स्पष्ट भी नहीं किया कि इस कोड के क्या प्रावधान होंगे, इसमें कौन-कौन सी धाराएं इत्यादि शामिल होंगी, किस धर्म के आधार पर समान सिविल कोड के प्रावधान तय कि ए जाएंगे।
आजादी विशेष / दलितों के लिए कानून हैं, अमल नहीं

आजादी विशेष / दलितों के लिए कानून हैं, अमल नहीं

भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के उत्थान के लिए संविधान में कई अनुच्छेद बड़ी सतर्कता से शामिल किए। इन अनुच्छेदों में समाज में दलितों को समान दर्जा, अस्पृश्यता उन्मूलन और उनके प्रति भेदभाव मिटाने के प्रावधान, सबके लिए मौलिक अधिकारों के प्रावधान, समान न्यायिक सुरक्षा, मताधिकार और शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति में आरक्षण, तरक्की तथा राजनीतिक प्रतिनिधित्व के प्रावधान रखे गए।
प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
सीईसी : आदर्श आचार संहिता का सख्ती से कार्यान्वयन हो

सीईसी : आदर्श आचार संहिता का सख्ती से कार्यान्वयन हो

चुनाव आयोग ने राज्यों में एकसमान तरीके से आदर्श आचार संहिता लागू करने के अभाव पर मंगवार को खेद प्रकट किया और कहा कि नियमों को लागू करने और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाई में अधिक आक्रामक होने की आवश्यकता है।
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