अक्टूबर में नए रूप में पेश होने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में अब कर्मचारी भविष्य निधि और एनपीएस के धन का भी कुछ हिस्सा लगाया जा सकेगा। सरकार ने इसके जरिये 69 हजार 500 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। ईटीएफ एक तरह की प्रतिभूति होती है जो किसी सूचकांक, उपभोक्ता जिंस अथवा सूचकांक कोष की तरह एक साथ रखी गई संपत्तियों का कोष होता है लेकिन इसकी शेयर बाजार में स्टॉक की तरह खरीद फरोख्त होती है।
बड़ी-बड़ी उम्मीदों और वादों के साथ केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपना एक साल पूरा करने जा रही है। इस मौके पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक साल के दौरान अपने वादों और नारों पर खरे उतर पाए? इस एक साल में उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा? अगर आर्थिक नजरिये से देखा जाए तो मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड बी ग्रेड का कहा जाएगा।
सांसद आदर्श ग्राम योजना के क्रियान्वयन में केंद्र और राज्य की विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय के अभाव का मुद्दा उठाते हुए लोकसभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मामले में अध्यक्ष से सरकार को निर्देश दिए जाने की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार की फ्लैगशिप योजना नमामि गंगे को मंजूरी दे दी गई। इस योजना के तहत गंगा नदी को समग्र तौर पर संरक्षित और स्वच्छ करने के कदम उठाए जाएंगे। इस पर अगले पांच साल में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
मई 2011 में मारे जाने से कुछ माह पहले अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन अपना पूरा ध्यान अमेरिका के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर हमला बोलने पर केंद्रित कर रहा था।
उत्तर प्रदेश में गरीबों के लिए शुरू की गई योजनाएं कैसे गरीबों का मजाक बनाती हैं उसकी एक बानगी भर है समाजवादी आवास योजना। पूरे जोर-शोर से शुरू की गई समाजवादी आवास योजना के तहत सिर पर छत पाने के लिए गरीबों को 34 हजार रुपये की मासिक किस्त देनी होगी।
टाटा मोटर्स ने डीजल नैनो कार बाजार में उतारने की योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी है। वाहन में संशोधन और इसके आर्थिक पहलुओं को देखते हुए कंपनी निकट भविष्य में डीजल नैनो का उत्पादन नहीं करेगी।
मोदी की पंसदीदा स्मार्ट सिटी योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिलने में ही 11 महीने का समय लग गया। इस बीच, केंद्र सरकार ने जेएनएनयूआरएम के दूसरे चरण की योजना से नेहरू का नाम हटा दिया है।