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Search Result : "सरकारी अस्पताल की लापरवाही"

बेहतर पारदर्शिता के लिए सभी मंत्रालय हर माह अपनेे कार्यों का ब्‍यौरा आनलाइन करें

बेहतर पारदर्शिता के लिए सभी मंत्रालय हर माह अपनेे कार्यों का ब्‍यौरा आनलाइन करें

केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों से कहा गया है कि वे बेहतर पारदर्शिता के लिए अपने द्वारा किए गए कार्यों का मासिक आधार पर आॅनलाइन ब्यौरा प्रदान कर अपनी उपलब्धियों को उजागर करें। कैबिनेट सचिवालय ने हाल में इस संबंध में सभी मंत्रालयों के सचिवों को निर्देश जारी किया है।
अब स्वामी ने किया शक्तिकान्त दास पर हमला, जेटली ने कहा गलत

अब स्वामी ने किया शक्तिकान्त दास पर हमला, जेटली ने कहा गलत

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास पर हमला बोला। जिस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अनुशासित सरकारी अधिकारी पर इस तरह के हमले को अनुचित व गलत बताया।
यूएन से बोला अफगानिस्तान, दूसरों की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है पाकिस्तान

यूएन से बोला अफगानिस्तान, दूसरों की संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है पाकिस्तान

अफगानिस्तान ने सीधा हमला करते हुए पाकिस्तान के सरकारी ढांचे के अंदर मौजूद तत्वों पर क्षेत्र में सक्रिय ज्यादातर आतंकी समूहों को सहयोग देने का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए परमाणु सौदों की या एफ 16 लड़ाकू विमानों की नहीं बल्कि राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है।
पाकिस्तान में प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में प्रसिद्ध कव्वाल अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में बुधवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने देश के बेहतरीन कव्वालों में से एक अमजद साबरी की गोली मारकर हत्या कर दी। साबरी को रूह छू देने वाली सूफी गायिकी के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता था।
एक करोड़ रुपये से ज्यादा सरकारी अनुदान पाने वाले एनजीओ लोकपाल के दायरे में

एक करोड़ रुपये से ज्यादा सरकारी अनुदान पाने वाले एनजीओ लोकपाल के दायरे में

सरकार से अनुदान के तौर पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा रकम और विदेशों से 10 लाख रुपये से अधिक दान प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) अब लोकपाल के दायरे में आएंगे। नए नियमों के तहत, इस तरह के एनजीओ के पदाधिकारियों को लोक सेवक माना जाएगा और अनियमितताओं के मामले में भ्रष्टाचार-रोधी कानून के तहत इन पर मामला चलाया जाएगा।
एनएसजी में पाकिस्तान को भी मिले भारत जैसी छूटः चीन

एनएसजी में पाकिस्तान को भी मिले भारत जैसी छूटः चीन

एक अप्रत्याशित कदम के तहत चीन के सरकारी मीडिया ने आज पाकिस्तान के परमाणु रिकॉर्ड का बचाव करते हुए कहा है कि परमाणु प्रसार के लिए जिम्मेदार ए.क्यू. खान को सरकार का समर्थन नहीं था और एनएसजी में प्रवेश के लिए जो भी छूट भारत को दी जाती है, वह पाकिस्तान को भी दी जानी चाहिए।
अफसरों के ड्राइवर और रसोइया खेल रहे थे जुआ, कमिश्नर ने पकड़वाया

अफसरों के ड्राइवर और रसोइया खेल रहे थे जुआ, कमिश्नर ने पकड़वाया

कानपुर जोन के कमिश्नर मोहम्मद इफ्तिखारूद्दीन के सरकारी बंगले पर जुआ खेल रहे आठ सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए सभी लोग उन अधिकारियों के ड्राइवर और अन्य कर्मचारी थे, जिनके साथ कमिश्नर अपने कार्यालय में बैठक कर रहे थे। इन कर्मचारियों के जुआ खेलने की खबर मिलते ही कमिश्नर ने खुद पुलिस को बुलाकर इनको रंगे हाथों पकड़वाया। पकड़े गये इन कर्मचारियों के पास से करीब 13 हजार नगद, ताश की गड्डी और मोबाइल फोन बरामद हुये हैं।
मानवाधिकार विशेषज्ञों की मांग, एफसीआरए को निरस्त करे भारत

मानवाधिकार विशेषज्ञों की मांग, एफसीआरए को निरस्त करे भारत

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत से उस कानून को निरस्त करने का आह्वान किया है, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों को मिलने वाले विदेशी अनुदान को रोकने के प्रावधान हैं।
अदालत की नाफरमानी

अदालत की नाफरमानी

कुछ समय पहले दिल्ली उच्च न्यायालय की पार्किंग में काम करने वाले लड़के की आंतों में इन्फेक्शन हुआ। एक नामी अस्पताल में उसका इलाज चला। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने लड़के को प्रमाणपत्र दिया कि गरीब होने के कारण उसका नि:शुल्क इलाज किया जाए। कुछ समय तक लड़के का इलाज चला लेकिन पैसे न होने के चलते अस्पताल ने इलाज बीच में रोक दिया। लड़के की मौत हो गई। अस्पताल ने बिना फीस अदा किए शव देने से इनकार कर दिया। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के कुछ वकीलों ने अस्पताल के 5 लाख 70 हजार रुपये अदा किए और अस्पताल से शव लेकर उसके परिजनों के सुपुर्द किया। दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष, यूरोपियन यूनियन में प्रिंसीपल काउंसिल और भारत के पूर्व अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल एडवोकेट अमरजीत सिंह चंदोक इस घटना का जिक्र करते हुए पूछते हैं, 'जब दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के आदेशों के यह हाल है तो क्या देश के दूसरे कोने के हालात बताने की जरूरत है?
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