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Search Result : "सरकारी हिस्सेदारी"

1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी, सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ेगा

1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी, सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ेगा

महाराष्‍ट्र के लातूर जिले के तीन सरकारी कर्मचारियों को वेतन बढ़ोत्‍तरी का लाभ देने से इनकार कर दिया गया है। इनमें एक क्‍लास-वन अफसर भी शामिल है। इन तीनों कर्मचारियों को इस सूखाग्रस्‍त क्षेत्र में पानी बर्बाद करने का जिम्‍मेदार पाया गया था। यह कार्रवाई 21 अगस्‍त को छह ओवरहेड टैंक से 1.5 लाख लीटर पानी की बर्बादी के बाद की गई है। लातूर नगर निगम द्वारा संचालित यह पानी की टंकियां ओवरफ्लो होने के चलते 20 मिनट तक बहती रहीं। तीनों कर्मचा‍री नगर निगम के सप्‍लाई डिपार्टमेंट से हैं।
बीएसएनएल देगी 249 रुपये में असीमित डेटा

बीएसएनएल देगी 249 रुपये में असीमित डेटा

रिलायंस जियो के अत्यधिक सस्ते डाटा प्लान से निबटने के लिए कंपनियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इस कड़ी में सबसे पहले सरकारी कंपनी बीएसएनएल सामने आई है जिसने 249 रुपये में असीमित वायरलाइन ब्राडबैंड प्लान देने का ऐलान किया है।
दिल्‍ली : वेतन बढ़ोत्‍तरी की मांग, 40 अस्‍पतालों की 50 हजार नर्सें हड़ताल पर

दिल्‍ली : वेतन बढ़ोत्‍तरी की मांग, 40 अस्‍पतालों की 50 हजार नर्सें हड़ताल पर

दिल्ली में वेतन बढ़ोतरी को लेकर सरकारी अस्‍पतालों की नर्सें 2 सितंबर से हड़ताल पर चली गई हैंं। 40 सरकारी अस्‍पतालों की करीब 50 हजार नर्सों के काम ठप्‍प करने के बाद दिल्‍ली की चिकित्‍सा सेवा को झटका लगेगा। दिल्‍ली सरकार ने हालांकि असेंशियल सर्विस मैन्टेनेंस एक्ट एस्‍मा लगा दिया है लेकिन नर्सों का इस पर कोई असर नहीं दिखा। उन्‍होंने साफ कहा है कि वह आश्‍वासन के बाद भी काम पर नहीं लौटेंगी। स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा डालने पर नर्सों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
सरकारी बैंक कर्मचारी भी हड़ताल में होंगे शामिल

सरकारी बैंक कर्मचारी भी हड़ताल में होंगे शामिल

बैंकों में कल शुक्रवार को कामकाज प्रभावित हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के छह कर्मचारी संगठनों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की कल की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।
सरकारी महकमा और भ्रष्‍टाचार, दोषियों को हर हाल में मिले सजा

सरकारी महकमा और भ्रष्‍टाचार, दोषियों को हर हाल में मिले सजा

देश के सरकारी विभागों में भ्रष्‍टाचार एक आम बात है। कई बार सरकारी अधिकारियों के खिलाफ अवैध संपत्ति का मामला सार्वजनिक किया गया है। इसी क्रम में गत दिनों पंजाब में भी सीबीआई ने सरकारी अधिकारियों के भ्रष्‍टाचार को उजागर किया। यहां पिछले कुछ सालों में 800 सरकारी अधिकारी भ्रष्‍टाचार में संलिप्‍त पाए गए हैं।
एक लाख करोड़ के बावजूद प्यासे

एक लाख करोड़ के बावजूद प्यासे

केंद्र सरकार अपने अधिकारियों को हर साल लगभग एक लाख करोड़ रुपये वेतन भत्तों के रूप में देती है। फिर भी सरकार के केंद्रीय मंत्रियों की एक बैठक में कामकाज की समीक्षा के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी ने व्यंग्य के साथ कहा कि 'बंदर के मुंह में मूंगफली का दाना डाला जाए, तो वैसा ही परिणाम मिल सकता है।’
केजरीवाल से जंग की फिर जंग

केजरीवाल से जंग की फिर जंग

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा यह फैसला दिए जाने के बाद कि उपराज्यपाल ही दिल्ली में असली शासक हैं, नजीब जंग लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं जो दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को भड़का दे। मंगलवार को भी उन्होंने ऐसे फैसले लिए। पहले तो उन्होंने दिल्ली सरकार में शीर्ष स्तर पर अधिकारियों के तबादले कर दिए और उसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने अब तक उपराज्यपाल की अनुमति के बिना जितने भी फैसले लिए हैं, उनकी जांच के लिए समिति गठित कर दिया।
मोदी सरकार : 33 लाख कर्मचारियों को सालाना बोनस मिलेगा

मोदी सरकार : 33 लाख कर्मचारियों को सालाना बोनस मिलेगा

केंद्र सरकार ने अपने करीब 33 लाख कर्मचारियों के लिए मंगलवार को सालाना बोनस की घोषणा की, जो पिछले दो वर्षों से बकाया था। इस बारे में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 2014-15 और 2015-16 का बोनस संशोधित मानदंडों के आधार पर जारी किया जाएगा। यह दो वर्षों से बकाया था। इसके बाद बोनस को सातवें वेतन आयोग के तहत दिया जाएगा।
एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

एमपी में दबंग ने शवयात्रा का रोका रास्‍ता,तालाब से होते हुए श्‍मशान घाट पहुंची

मध्‍यप्रदेश में जबलपुर के पनागर के बिहर गांव में मानवता को शर्मसार करनेे वाला मामला सामने आया है। जिसके बाद भाजपा शासित इस राज्‍य की सामाजिक समरसता पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। गांव में एक दबंग ने अपनी जमीन से शवयात्रा ले जाने की अनुमति नहीं दी। मजबूरन लोगों को तालाब के बीच चार फीट पानी से शव को श्‍मशान घाट तक ले जाना पड़ा। मुसबीत यहीं कम नहीं हुई बल्कि लोग जब श्मशानघाट पहुंचे तो वहां पर सरकार की जमीन पर धान बोया गया था। नतीजन शव का अंतिम संस्‍कार निजी जमीन पर किया गया।
सत्ता की राजनीति का जहर

सत्ता की राजनीति का जहर

पंजाब में मादक पदार्थों के अवैध धंधे का सत्ता की राजनीति पर गहरा असर है। यह दोष केवल वर्तमान सत्तारूढ़ दल और सरकार का नहीं है। लगभग तीन दशकों के दौरान जहर की तस्करी और उससे होने वाली अवैध कमाई ने संपूर्ण व्यवस्‍था को तबाह किया। पंजाब-हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह शराब के ठेकों से सरकारी खजाने में बड़ी आमदनी होती है। खजाना भरने के लिए ठेके और शराब की खपत बढ़ती गई। हरियाणा की स्‍थापना के बाद पहले तो पर्यटन स्‍थलों पर सरकार ने ही पब और राजमार्गों पर शराब के ठेकों को बढ़ावा दिया। फिर अति उत्साही आदर्शवादी कहलाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी लागू की। लेकिन जल्द ही अवैध धंधे, जहरीली शराब से लोगों के मरने की नौबत आने पर सरकार ने फैसला बदल दिया।
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