पाकिस्तान के बंदरगाह शहर कराची में 56 वर्षीय एक हिन्दू डॉक्टर की उनके क्लिनिक के बाहर गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस हत्या को धर्म से प्रेरित हत्या के रूप में देखा जा रहा है।
मध्यप्रदेश में भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी में छात्राओं ने शुक्रवार को ड्रेस कोड और हॉस्टल की टााइमिंग को लेकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन किया। छात्राओं को उनके लिए बनाए गए ड्रेस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग से दिक्कत हो रही है।
भाजपा के सांसद उदित राज को सलाह देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा है कि उन्हें और अन्य दलित सांसदों को दलित समुदाय पर देशभर में हो रहे अत्याचार के विरोध में पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए। दरअसल उदित राज ने हिंदू धर्म के कथित ठेकेदारों की आलोचना की थी।
गुजरात में गो हत्या पर दलितों की पिटाई का मामला शांत होता नहींं दिख रहा है। ऊना में दलितों की पिटाई के बाद राज्य के बनासकांठा जिले के 15 हजार दलितों ने धर्म बदलने की धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर जल्द स्थिति नहीं सुधरी तो वह बौद्ध धर्म को अपना लेंगे।
विवादास्पद इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक फंसते नजर आ रहे हैं। उनके खिलाफ महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को अब धर्म परिवर्तन कराने के नए सबूत मिले हैं। महाराष्ट्र एटीएस सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन आईएसआईएस के पकड़े गए संदिग्ध रिजवान खान के घर से एटीएस को 800 से ज्यादा धर्म परिवर्तन के कागजात मिले हैं।
आत्मघाती आतंकवादी हमलों को ‘युद्ध’ के नाम पर जायज ठहराने वाले विवादास्पद प्रचारक जाकिर नाइक ने बाकायदा वीडियो कांफ्रेंस में ऐलान कर दिया कि वह इस साल तो भारत नहीं लौटने वाला है। जाकिर नाइक पर इस्लाम धर्म के धुंआधार प्रचार के नाम पर बड़ी संख्या में लोगों को उत्तेजित करने एवं उन्हें आतंकवादी बनाने के गंभीर आरोप बांग्लादेश तक ने लगाए हैं।
यह समझना कि कॉमन सिविल कोड आ जाएगा तो क्या मुस्लिम औरतों में सुधार आ जाएगा, यह गलत बात है। अभी औरतों की स्थिति बहुत दूभर है, सिर्फ मुस्लिम औरतों की ही नहीं, हिंदुस्तान की ज्यादातर औरतों के साथ मर्द का जो व्यवहार है, बहुत अच्छा नहीं है, तो इसके लिए तो मर्द की सोच बदलने की जरूरत है। यदि कॉमन सिविल कोड आ गया, कानून आ गया, सब कुछ आ गया, लेकिन मर्द की जो गंदी सोच है, उसको भी तो बदलना पड़ेगा, उसकी जहनियत को बदलना पड़ेगा।
यूपी चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की भाजपा की तैयारी पर मुस्लिम समाज बिफर सा गया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह नकार दिया है। उसने आरोप लगाया है कि महज वोटों की राजनीति के लिए भाजपा यह मसले को उछाल रही है।
विकास सहित कई अन्य मसलों पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करने वाली शिवसेना ने यूनीफार्म सिविल कोड के प्रस्ताव पर मोदी सरकार को अपना समर्थन दिया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय के जरिए साफ संदेश दिया है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सरकार को आगे बढ़ना चाहिए।
देश को आजाद हुए पैंसठ साल से अधिक का समय हो गया पर भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर अभी तक आम राय नहीं बन पाई है। जब इतने समय पर यह नहीं हो पाया तो भाजपा अब क्या सोच समझ कर यूनिफार्म सिविल कोड का ताना-बाना बुनने लगी है। क्या छह माह में इसे लागू करने का दम केंद्र की भाजपा सरकार के पास है या यह महज एक चुनावी चुग्गा है। जो भाजपा ने यूपी चुनाव से पहले जनता की ओर फेंक दिया है।