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पीएम के जन्मदिन को 'सेवा दिवस' के रूप में मनाएगी भाजपा

पीएम के जन्मदिन को 'सेवा दिवस' के रूप में मनाएगी भाजपा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को भाजपा सेवा दिवस के रूप में मनाएगी। इसके लिए देशभर में पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को इस दिन अपने-अपने इलाके में समाज सेवा से जुड़े काम करने का निर्देश दिया गया है। खुद प्रधानमंत्री ने इस बार अपना जन्मदिन गुजरात में मनाने का फैसला किया है, जहां वे अपनी मां का आर्शीवाद लेने के साथ ही आदिवासी इलाकों में जाएंगे और लगभग 10 हजार दिव्यागों को उपयोगी उपकरण बांटेंगे।
डिजिटिल इंडिया में हिन्दी समाज

डिजिटिल इंडिया में हिन्दी समाज

हिन्दी उत्सव- हिन्दी दिवस- पखवाड़ा। राष्ट्रभाषा की गौरव गाथा और जयकार। संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी की मान्यता के लिए प्रधानमंत्रियों द्वारा सौ-सौ करोड़ तक खर्च की घोषणाएं। दुनिया के 130 विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा की पढ़ाई की व्यवस्था। बॉलीवुड से दक्षिण भारत ही नहीं यूरोप, अमेरिका, एशिया ही नहीं अफ्रीका में भी हिन्दी फिल्मों और गानों की गूंज। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी को सही गौरवपूर्ण स्थान दिलाने के संकल्प, संघर्ष, वायदे और एक हद तक उपलब्धियां भी। लेकिन असलियत में भारत की तरक्की के साथ हिन्दी को समुचित महत्व कहां मिल पाया है?
पहले पोस्टर फटे फिर कुर्सियां टूटीं शाह की सभा में

पहले पोस्टर फटे फिर कुर्सियां टूटीं शाह की सभा में

सूरत में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की सभा में हार्दिक पटेल के समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया। पाटीदार राजस्वी सम्मान समारोह में पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को हार्दिक समर्थको का जमकर विरोध सामना करना पड़ा।
17 सितंबर को 66 वां जन्मदिन गुजरात में आदिवासियों के साथ मनाएंगे मोदी

17 सितंबर को 66 वां जन्मदिन गुजरात में आदिवासियों के साथ मनाएंगे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को 66 वां जन्मदिन है। इस दिन पूरे देश से प्रधानमंत्री मोदी को शुभकामनाएं मिलनी तय है। पीएम मोदी अपना जन्‍मदिन गुजरात में अनुसूचित जनजाति के लोगों के बीच मनाएंगे। सूत्रों के मुताबिक संभावना है कि पीएम मोदी इसके लिए दाहोड़ या फिर नवसारी के पास किसी जगह में जाकर आदिवासियों के साथ मुलाकात करेंगे।
बेल पर रिहा हुए दयाशंकर ने दी मायावती को चुनाव लड़ने की चुनौती

बेल पर रिहा हुए दयाशंकर ने दी मायावती को चुनाव लड़ने की चुनौती

अभद्र टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती को अपनी पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दी है। दयाशंकर ने बसपा प्रमुख द्वारा कथित रूप से चुनाव के टिकट बेचे जाने की सीबीआई जांच की भी मांग की।
आदिवासी लड़कियों को भगवा शिक्षा प्रकरण पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

आदिवासी लड़कियों को भगवा शिक्षा प्रकरण पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

आरएसएस के सहयोगी संगठन द्वारा असम की 31 आदिवासी लड़कियों को गुजरात और पंजाब में भगवा शिक्षा दिलावाने का मुद्दा गरम हो रहा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि क्या इसी तरह ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का लक्ष्य पूरा करेंगे?
असम की 31 आदिवासी लड़कियों को गुजरात-पंजाब में दी जा रही भगवा शिक्षा

असम की 31 आदिवासी लड़कियों को गुजरात-पंजाब में दी जा रही भगवा शिक्षा

आरएसएस के सहयोगी संगठन असम की 31 आदिवासी लड़कियों को गुजरात और पंजाब में भगवा शिक्षा दिला रहे हैं। देश के कानून को धता बताते हुए असम के सीमावर्ती पांच जिलों से आदिवासी माता-पिता को बहला-फुसलाकर उनसे उनकी बेटियों को दूर कर दिया गया है। गुजरात और पंजाब में उन्‍हें हिंदूू जीवन प्रणाली अपनाने पर मजबूर किया जा रहा है।
‘विचार मुक्त’ समाज का आईना

‘विचार मुक्त’ समाज का आईना

नया दौर, नई राजनीति, नई अर्थनीति, नई संचार क्रांति के साथ नया समाज बन रहा है। इसी बदलाव के युग में नए नारे, नए नेता, नए अपराधी, नए प्रचारक सामने आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेताओं ने आह्वान किया कि अब ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ बनाना है। बेचारी कांग्रेस पार्टी तो 130 बरस की हो गई है। भाजपा में तो 75 वर्ष की आयु के बाद वनवास देने का प्रावधान है। प्राचीन हिंदू धर्मशास्त्रों में 75 के बाद वानप्रस्थ या संन्यास की व्यवस्था बताई गई है। इसलिए 21वीं सदी की पार्टी को लगता है कि मार्गदर्शकों के विचार घिसे-पिटे होते हैं और उनका मन लगा रहे तो वे तपोवन में सोच-विचार, तपस्या कर अन्य लोकों के साथ नाता जोड़ सकते हैं।
अयोध्या विवाद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार अंसारी के निधन से समाज में दुख की लहर

अयोध्या विवाद के सबसे बुजुर्ग पैरोकार अंसारी के निधन से समाज में दुख की लहर

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सबसे उम्रदराज पैरवीकार हाशिम अंसारी के बुधवार को हुए निधन से मुसलमानों और हिन्दुओं समेत पूरे समाज में दुख का माहौल है। विवादित ढांचा विवाद के आखिरी मूल वादी अंसारी ने कभी भी मुद्दे को लेकर सियासत नहीं की। सारी जिंदगी मुकदमे की पैरवी में निकाल देने वाले अंसारी को समाज का हर वर्ग और तबका सम्मान की नजर से देखता था।
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