महान भारत देश में करीब 30 लाख संस्थाओं ने ‘स्वयंसेवी’ संगठन के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करवा रखा है। लेकिन मात्र 10 प्रतिशत संस्थाएं ही अपनी आमदनी-खर्च का विवरण आयकर विभाग को देती हैं। सेवा करने वालों को अपने बही-खाते की पारदर्शिता रखने से परहेज क्यों है?
पश्चिम बंगाल में पारिवारिक कलह की वजह से आग लगाकर एक महिला ने खुदकुशी की। साथ ही उसे बचाने गए तीन लोगों की भी जलकर मौत हो गई। राज्य के नादिया में यह हादसा हुआ।
रिण भुगतान में जानबूझकर चूक करने वालों की गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए आयकर विभाग ने ऐसी कंपनियों के स्थायी खाता संख्या (पैन) पर रोक लगाने, एलपीजी सब्सिडी रद्द करने और ऐसे कई कदम उठाने का फैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित हो कि उन्हें कर्ज न मिले।
चालाकी दिखाते हुये कर अदायगी से बचने वालों की बढ़ती तादाद के मद्देनजर आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसे आरोपियों को हिरासत में लेने, उनकी जब्त संपत्तियों की नीलामी के प्रावधान का उपयोग करने में हिचकिचाहट नहीं दिखायें।
मथुरा स्थित जवाहर बाग खाली कराने पहुंची पुलिस और सत्याग्रहियों के बीच टकराव का मास्टर मांइड रामवृक्ष यादव जिंदा है या मर गया इसको लेकर संदेह बरकरार है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि रामवृक्ष जिंदा है और अपने साथियों के साथ मौके से भाग गया।
बांग्लादेश में आकाशीय बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या आज बढ़ कर 35 हो गई। तेज गरमी के बाद राजधानी ढाका समेत 14 जिलों में गरज के साथ छींटे पड़ने से लोगों को राहत तो मिली लेकिन इसके साथ ही आकाश से बिजली गिरी जिससे 35 लोगों की मौत हो गई।
रोहतांग जाने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। रोहतांग पर सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने थोड़ी राहत दी है। याचिका पर सुनवाई के दौरान एनजीटी ने 30 नवंबर तक 1000 गाड़ियां रोहतांग भेजने के लिए हरी झंडी दे दी है। इन 1000 गाड़ियों में 400 वाहन डीजल के और 600 वाहन पेट्रोल के होंगे। साथ ही एनजीटी ने प्रदेश सरकार को आदेश दिए हैं कि रोहतांग के लिए दो सीएनजी बसें चलाई जाएं और दो महीने तक इनका ट्रायल हो।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज भोपाल के राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी में सुप्रीम कोर्ट के जजों की चौथी रीट्रीट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश एवं अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों को इस रीट्रीट के आयोजन पर बधाई दी जिसके जरिये देश के सामने मौजूद चुनौतियों के साथ-साथ न्यायिक विवादों और निर्णयों के वैश्विक और पारदेशिक तत्वों पर विचार-विमर्श का मौका उपलब्ध होता है।
दुनिया के किसी धार्मिक ग्रंथ में उपासना केंद्र में आतिशबाजी, मादक पदार्थों के सेवन और चोरी-हत्या की शिक्षा नहीं दी गई है। हर धर्म के उपासना केंद्र सर्वशक्तिमान के प्रति सम्मान, ध्यान, मानसिक शांति, संपूर्ण मानव समाज और बहुत हद तक प्राणी मात्र के लिए दया, करुणा, ममता, सहायता की प्रार्थना के केंद्र माने जाते हैं।