अभी तक जनता से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की अपील करने वाली मोदी सरकार जल्द ही आबादी के एक बड़े वर्ग को इससे वंचित कर सकती है। सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाई करने वाले लोगों के अलावा लग्जरी कार और क्रेडिट कार्ड का अधिक इस्तेमाल करने वालों को भी एलपीजी सब्सिडी से हाथ छोना पड़ सकता है।
वन रैंक वन पेंशन की अधिसूचना के विरोध में पूर्व सैन्य कर्मियों द्वारा अपने पदक लौटाने का फैसला करने के एक दिन बाद, आज रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि विरोध करने वाले पूर्व सैन्य कर्मियों का आचरण सैनिकों जैसा नहीं है और उन्हें गुमराह कर दिया गया है।
नए अभिनेता जरा मुश्किल से ही राजनीति पर अपनी राय जाहिर करते हैं। लेकिन राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित अभिनेता राजकुमार राव ने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने के फिल्म निर्माताओं के फैसले को साहसी कदम बताया है।
शिवसेना का पाकिस्तानी कलाकारों के विरोध का सिलसिला अब गुड़गांव तक पहुंच गया हैं। लेकिन गुड़गांव में यह कोशिश नाकाम रही। पाकिस्तानी कलाकारों के नाटक में हंगामा करने पहुंचे हुड़दंगियों को दर्शकों ने ही खदेड़ दिया और नाटक का मंचन पूरा कराया। इस तरह अभिव्यक्ति पर हमला करने वालों काे लोगों ने ही करारा जवाब दिया है।
दिल्ली से सटे फरीदाबाद के एक गांव में दबंगों द्वारा दलित परिवार को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने इस घटना के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जमकर निशाना साधा।
फरीदाबाद के एक गांव में दलित परिवार को कथित तौर पर जिंदा जलाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी। हरियाणा से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने बताया है कि पीड़ित परिवार की सीबीआई जांच की मांग सरकार ने मान ली है। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
दिल्ली से सटे फरीदाबाद जिले के एक गांव में दलित परिवार के चार लोगों को कथित तौर पर जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। दबंगों ने आज तड़के एक दलित परिवार के घर को आग लगा दी जिससे दो बच्चों की जलकर मौत हो गई और उनके माता-पिता गंभीर रूप से झुलस गए हैं। दोनों की हालत नाजुक बताई जा रही है।
पिछले कुछ दिनों से पुरस्कार लौटा रहे लेखकों की सूची में नया नाम शायर मुनव्वर राणा का जुड़ गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, विरोध दर्ज कराने का इससे मजबूत और कोई जरिया नहीं है।