वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स एंटीगा में पहले क्रिकेट टेस्ट से पूर्व भारतीय टीम के होटल में आये और कप्तान विराट कोहली ने उनसे मिली सलाह को अनमोल करार दिया।
सुपरस्टार सलमान खान ने अभिनेता आमिर खान को सलाह दी है कि वह दंगल में सिक्स-पैक ऐब्स में न दिखें। आमिर दंगल में पहलवान महावीर सिंह फोगट की भूमिका निभा रहे हैं।
प्रसिद्ध वैज्ञानिक और परमाणु उर्जा आयोग (एईसी) के सदस्य एम आर श्रीनिवासन ने शनिवार को कहा कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के मुद्दे पर केंद्र का जोर देना अनावश्यक, अवांछित और गलत सलाह पर उठाया गया कदम था। शुक्रवार को भारत की 48 सदस्यीय समूह की सदस्यता हासिल करने की कई दिनों से जारी कोशिश नाकाम हो गई थी।
ताकत मौन में या मीडिया के पास? मीडिया कहां चुप रहे, कहां मुंह खोले और कहां ध्यान दे? सत्ता में आने के बाद अधिकांश राजनेता मीडिया को नई राह दिखाने की कोशिश करते हैं। पत्रकारिता की ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने वाले एक वर्ग के कारण मीडिया को घेरने की गुंजाइश बनती है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रेस सलाहकार रह चुके सबसे नजदीकी संजय बारू ने सुझाव दिया कि है कि अगर कांग्रेस को मजबूत करना है तो पार्टी को सोनिया मुक्त करना होगा। साथ ही कभी पार्टी के साथ रहे ममता बनर्जी, शरद पवार, जीके वासन और जगन मोहन रेड्डी को साथ लेकर चलना होगा।
पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक हुसैन हक्कानी का कहना है कि पाकिस्तान को भारत पर हमलों के जिम्मेदार लोगों में से कुछ को सिर्फ घर में नजरबंद कर देने या अन्य को खुला छोड़कर भाषण देते रहने देने के बजाय उनपर कार्रवाई करनी चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने छात्रों को शिक्षा ऋण को लेकर आगाह करते हुए शनिवार को कहा कि उन्हें ठगने वाले स्कूलों के झांसे में नहीं आना चाहिए। ये स्कूल उन्हें कर्ज के बोझ में डुबा देंगे और डिग्री भी ऐसी देंगे जो किसी काम की नहीं होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के सांसदों को सलाह दी है कि वे अपने संसदीय क्षेत्रों-गांवों में जाकर जन कल्याण योजनाओं और सफलताओं की जानकारियां दें। मतलब भाजपा सरकार के दो वर्ष (26 मई) पूरे होने के अवसर पर अपना बाजा बजाएं।
मोनसेंटो ने धमकी दी कि अगर रॉयल्टी कम की गई तो वह भारत से अपना कारोबार समेट लेगी। दूसरी ओर कृषि वैज्ञानिकों ने इस रवैये का कड़ा विरोध किया है और वैकल्पिक खेती और देसी बीज कंपनियों को बढ़ावा देने की बात कही।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बहुत सुलझे हुए अनुभवी और योग्य राजनेता हैं। इंदिरा गांधी से नरेंद्र मोदी तक के सत्ता काल में उन्होंने केंद्र-राज्य संबंधों एवं राज्यपालों की भूमिका को जाना-परखा है। इस दृष्टि से मंगलवार को श्री मुखर्जी ने राज्यपालों के सम्मेलन में किसी का नाम लिए बिना नेक सलाह (निर्देश भी संभव) दी कि ‘संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को संविधान की पवित्रता को अक्षुण्ण रखना चाहिए।’