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Search Result : "सामाजिक एकता मंच विवाह"

किसी लिंग नहीं, बल्कि मानसिकता के खिलाफ जंग है नारीवाद: शाजिया इल्मी

किसी लिंग नहीं, बल्कि मानसिकता के खिलाफ जंग है नारीवाद: शाजिया इल्मी

राजनीतिक कार्यकर्ता शाजिया इल्मी ने कहा कि पितृसत्तात्मकता एक मानसिकता है और नारीवाद इसी मानसिकता के खिलाफ लड़ाई है और यह किसी विशेष लिंग तक सीमित नहीं है। शाजिया ने बी बोल्ड फाॅर ए चेंज शीर्षक पर पैनल की चर्चा में यह बात कही। यह विषय इस साल के अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का भी थीम है।
पाक सीनेट में ऐतिहासिक हिंदू विवाह विधेयक पारित

पाक सीनेट में ऐतिहासिक हिंदू विवाह विधेयक पारित

पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं की शादियों के नियमन से जुड़े बहुप्रतीक्षित अहम विधेयक को सीनेट ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा। हिंदू विवाह विधेयक 2017 को शुक्रवार को सीनेट ने पारित कर दिया। यह हिंदू समुदाय का पहला विस्तारित पर्सनल लॉ है।
मप्र की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में हिंदू रीति से हो रहे विवाह, आदिवासी नेता का विरोध

मप्र की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में हिंदू रीति से हो रहे विवाह, आदिवासी नेता का विरोध

मप्र में खंडवा जिले के एक आदिवासी नेता ने मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत हिन्दू रीति रिवाजों के साथ सामूहिक विवाह कार्यक्रम कराये जाने का विरोध किया है।
रिषभ सहित युवा खिलाडि़यों के पास बड़े मंच पर जलवा दिखाने का मौका

रिषभ सहित युवा खिलाडि़यों के पास बड़े मंच पर जलवा दिखाने का मौका

टेस्ट और फिर बाद में एकदिवसीय श्रृंखला में जीत से आत्मविश्वास से भरी भारतीय क्रिकेट टीम शुरू होने वाली तीन मैचों की ट्वेंटी20 श्रृंखला में भी इंग्लैंड पर अपना दबदबा बरकरार रखने के लिये उतरेगी जिसमें कुछ युवा खिलाडि़यों को बड़े मंच पर अपना जलवा दिखाने का मौका मिलेगा।
‘तसलीमा-रुश्दी नहीं दिखेंगे अगले लिटफेस्ट के मंच पर’

‘तसलीमा-रुश्दी नहीं दिखेंगे अगले लिटफेस्ट के मंच पर’

जयपुर साहित्य महोत्सव में बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के बोलने का विरोध होने के बाद आयोजकों ने कहा कि उन्हें पुन: आमंत्रित नहीं करने के प्रदर्शनकारियों के अनुरोध पर विचार होगा। जब कि मेहरूनिसा के मुताबिक उन्हें व रुश्दी को मंच नहीं दिया जाएगा।
दूल्हे के घर में शौचालय बनने के बाद हुई कैशलेस शादी

दूल्हे के घर में शौचालय बनने के बाद हुई कैशलेस शादी

यह अपने आप में एक अलग तरह की शादी थी। पूर्वी सिंहभूम जिले के बदिया में दूल्हे के घर में एक शौचालय के निर्माण के कुछ घंटों के भीतर एक मंदिर में उसकी कैशलेस शादी संपन्न हुई। शादी से पहले पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर में इतिहास गांव की निवासी दुल्हन सुनीता और दूल्हे सुभाष नायक के परिवार के सदस्यों ने एक साथ मिल कर नायक के गांव बदिया में स्थित उनके घर में एक शौचालय के निर्माण कार्य में भागीदारी की।
कश्मीरी युवाओं को ‘सही राह’ पर लाएगा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

कश्मीरी युवाओं को ‘सही राह’ पर लाएगा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच दिल्ली में शनिवार को जम्मू कश्मीर के युवाओं का एक सम्मेलन आयोजित कर रहा है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जम्मू कश्मीर के ‘राह से भटके हुए युवाओं’ को मुख्यधारा में लाना है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच राष्ट्रीय स्वयं संघ की शाखा है।
सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक : अंसारी

उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को कहा कि देश में कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय प्रदान करने की जमीनी हकीकत निराशाजनक है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के मामले में हम कहां खड़े हैं ? सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए कल्याण संबंधी कानून बनाए जाने और कदम उठाए जाने के 70 साल बाद भी यह एक सवाल है जो गणराज्य के लोग राज्य से पूछ सकते हैं।
नोटबंदी के बाद विपक्षी एकता को साधने 27 को सोनिया ने बुलाई बैठक

नोटबंदी के बाद विपक्षी एकता को साधने 27 को सोनिया ने बुलाई बैठक

नोटबंदी के बाद बदलते राजनीतिक हालात को अपने पक्ष में करने की कोशिश में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 27 दिसंंबर को विपक्षी दलोंं की एक बैठक बुलाई है। सोनिया गांधी ने नोटबंदी के बाद विपक्षी एकता को और धारदार करने की दिशा में यह पहल खुद अपने स्तर पर शुरू की है। मीटिंग के बाद सभी दल संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं।
‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वी‌कृ‌ति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्‍थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।
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