जापान इस साल के अंत तक नेताजी से संबंधित दो महत्वपूर्ण फाइलों को सार्वजनिक करेगा। हालांकि इसी तरह की तीन अन्य फाइलों के बारे में जापान सरकार ने कोई आश्वासन नहीं दिया है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य, पत्रकारिता और संचार में अपनी तरह का पहला ‘महत्वपूर्ण मूल्यांकन कौशल पाठ्यक्रम प्रमाणपत्र आज भारतीय जनसंचार संस्थान के द्वारा 40 युवा मीडिया पेशेवरों को दिया गया।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम-विषय के दूसरे चरण की असली परीक्षा कल से शुरू होनी है, जब सभी स्कूल और कार्यालय खुल जाएंगे। साथ ही अपनी मांगों को लेकर ऑटो, टैक्सी संघ के हड़ताल के आयोजन से भी सार्वजनिक परिवहन पर लोगों का खासा जोर रहेगा। दूसरे चरण को 15 अप्रैल से दो सप्ताह के लिए लागू किया गया है।
अरबों रुपये के कर्ज के भुगतान में चूक के बीच उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि चूककर्ताओं के नाम का खुलासा किए बिना कुल बकाया राशि को सार्वजनिक किया जाए लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने गोपनीयता उपबंध का हवाला देते हुए इस प्रस्ताव का विरोध किया है।
डेविड कैमरन अपना व्यक्तिगत आयकर रिटर्न सार्वजनिक करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री हो गए हैं। साथ ही कैमरन ने पनामा दस्तावेजों की जांच के लिए एक नए कार्यबल का गठन किया है।
भाजपा और संघ से जुड़े वकीलों की सरकार से शिकायत है कि सरकार बदल गई लेकिन केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली विकास प्राधिकरण और कुछ सार्वजनिक उपक्रमों में वकीलों का पैनल नहीं बदला।
पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि गुरदासपुर जिले में एसिड हमले की शिकार महिला के ईलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी और आगे ईलाज के लिए उसे फोर्टिस अस्पताल लुधियाना के बर्न यूनिट में भेजा जाएगा।
चुनाव आयोग डाल-डाल और राजनीतिक पार्टियां पांत-पांत। बंगाल के विधानसभा चुनाव में जिस तरह से सरगर्मी दिख रही है, उससे साफ है कि पैसा पानी की तरह बहाने की तैयारी है और राजनीतिक दलों ने इसके रास्ते पहले से ही तैयार कर रखे हैं। चुनाव आयोग के मापदंडों के हिसाब से पार्टियां चलें तो एक राजनीतिक दल अधिकतम 82 करोड़ रुपए खर्च कर पाएगा। लेकिन तैयारी इससे कई गुना ज्यादा उड़ाने की है।
रेडियो पर एक गाना बहुत बजता है- ‘चेहरा न देखो, चेहरे ने लाखों को लूटा।’ यों यह गीत प्यार-मोहब्बत से जुड़ा है। लेकिन नेताओं-मंत्रियों के लिए इन शब्दों के अलग-अलग अर्थ लगाए जाते हैं। भोली भाली जनता चेहरे और वायदे पर वोट दे देती है। फिर खून-पसीने की मेहनत की कमाई का एक हिस्सा टैक्स के रूप में सरकारी खजाने को देती है। इसी सरकारी खजाने की रकम से सरकार में बैठे प्रभावशाली नेता-मंत्री अपना चेहरा चमकाए रखना चाहते हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) पर आरोप लगाया है कि उसने पूर्ण नियोजित व सोची समझी रणनीति के तहत बीते छह साल में उसकी लगभग 1.4 अरब डॉलर मूल्य की गैस निकाल ली। ओएनजीसी ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज से उक्त राशि का पूरा मुआवजा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ देने की मांग की है।