खस्ताहाल प्रशासन वाले राज्य भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने और भोजन का अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित करने में सक्षम हैं- मध्यप्रदेश इसका नवीनतम उदाहरण है।
सरकारी बैंक भारी डूबत कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष तक उनका सकल एनपीए 2.67 लाख करोड़ रुपये था जो पूरे बैंकिंग उद्योग के एनपीए का 86 प्रतिशत बैठता है।
जानी-मानी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन, आरआईएल और आइडिया जैसी 11 कंपनियों को भारतीय रिजर्व बैंक ने सैद्धांतिक रूप से बैंक लाइसेंस दे दिया है। यह फैसला देश के लाखों नागरिकों को औपचारिक बैंकिंग पद्धति से बैंक भुगतान की सुविधा देने के मकसद से किया गया है।
टोल वसूली के खिलाफ यूं तो देश के कई हिस्सों में छोटे-बड़े धरने-प्रदर्शन और आंदोलन होते रहते हैं, लेकिन अनुचित तरीके से टोल वसूली के खिलाफ राजस्थान में चली कानूनी मुहिम पूरे देश के लिए नजीर बन सकती है। यह मामला बताता है कि कैसे सरकारी मिलीभगत के जरिये एक स्टेट हाईवे पर टोल (चुंगी) वसूली 6 साल 7 महीने के लिए बढ़ाकर सिर्फ एक-दो करोड़ रुपये के निर्माण के लिए करीब 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त चुंगी वसूलने का फैसला किया गया।
निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक आईसीआईसीआई बैंक ग्रामीण इलाकों में ग्राहकांे को 15 लाख रुपये तक का ऋण आधार दर पर उपलब्ध कराएगा। आधार दर बैंकों की कर्ज पर ली जाने वाली सबसे निम्न ब्याज दर होती है। बैंक महिलाआंे को पहले ही आधार दर पर कर्ज उपलब्ध करा रहा है।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की कोयला खनन परियोजना को एक और झटका लगा है। पर्यावरण मंजूरी रद्द होने के बाद अब अॉस्ट्रेलिया के बैंक ने परियोजनाओं से नाता तोड़ लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक अपनी नीतिगत ब्याज दर में कटौती करेगा, बशर्ते उसे यह भरोसा हो जाए कि इस कटौती के बाद भी मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से नीचे बनी रहेगी।
ऊंची महंगाई दर का हवाला देते हुए रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि इस साल ब्याज दरों में हुई कटौती का पूरा फायदा बैंकों ने ग्राहकों तक नहीं पहुंचाया है।
खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार कहा कि देश के अन्य किसी खेल महासंघ की तरह भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को भी अपने कामकाज में जवाबदेह और पारदर्शी बनने की जरूरत है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के अनुसार वह सार्वजनिक संस्था है।
ब्याज दरें तय करने के मामले में आरबीआई गवर्नर की वीटो पावर खत्म करने के मुद्दे पर आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी सरकार के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं। राजन ने कहा है कि बेहतर होगा यदि एक व्यक्ति के बजाय कोई समिति मुख्य ब्याज दरों के बारे में फैसला करे। राजन के मुताबिक, इस मामले पर आरबीआई और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है।