दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को टेरी के महानिदेशक आरके पचौरी के उस आग्रह पर सुनवाई 21 मई तक के लिए स्थगित कर दी जिसमें उन्होंने अपने कार्यालय में प्रवेश की अनुमति मांगी थी।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने व्यापम घोटाले को लेकर राज्य के राज्यपाल रामनरेश यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी आज खारिज कर दी। मुख्य न्यायाधीश ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति रोहित आर्य की खंड पीठ नेे यादव के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी खारिज की।
जंतर-मंतर पर आज उत्तर भारत के कई राज्यों से आए पुरुषों ने प्रदर्शन किया। सेव मैन्स राइट्स एसोसिएशन (समरा) के बैनर तले किया गया यह प्रदर्शन एक अलग तरह का प्रदर्शन था। इसमें दहेज की धारा 498-ए और घरेलू हिंसा संबंधी कानून की धारा के तहत विवाहित लड़की वालों द्वारा सताए गए पुरुषों ने मांग की है कि पुरुषों के लिए भी एक पुरुष आयोग बनाया जाए। यहां आए कानून के जानकार पुरुषों ने कानून में दर्ज उन धाराओं के बारे में भी बताया जो लड़के वालों को भी कुछ अधिकार देती हैं।
केंद्र सरकार को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग के वरिष्ठतम सूचना आयुक्त से कहा है कि वह अपने मुखिया की अनुपस्थिति में मामले पर सुनवाई करें। अदालत ने कहा कि किसी भी तरह का बैकलॉग आरटीआई आवेदकों के हितों को खतरे में डालेगा।
बंबई उच्च न्यायालय ने गाय, बैल और भैंस के मांस को रखने, उसे लाने-ले जाने और उसके उपभोग पर प्रतिबंध लगाने वाले महाराष्ट्र के हालिया कानून के प्रावधानों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इस कानून के अनुसार, इन जानवरों का वध महाराष्ट्र से बाहर करके यहां लाने पर भी प्रतिबंध प्रभावी रहेगा।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के दो महत्वपूर्ण सदस्यों को चुनने वाली कमेटी में शामिल होने से प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू के इनकार से इस आयोग के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान उठने लगे हैं और कुछ लोग इसे संवैधानिक संकट भी करार देने लेगे हैं मगर कानून के जानकार ऐसा नहीं मानते।
हैदराबाद उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के शेषाचलम जंगलों में 7 अप्रैल को पुलिस फायरिंग में 20 लोगों के मारे जाने की घटना की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम एसआईटी को निर्देश दिया कि वह अपनी तफ्तीश 60 दिनों में पूरी कर अदालत में रिपोर्ट सौंपे।
राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) प्रकरण में तब नया मोड़ आ गया जब भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू ने छह सदस्यीय आयोग में दो प्रमुख व्यक्तियों के चयन के लिए तीन सदस्यीय पैनल का हिस्सा बनने से इंकार कर दिया।
इन दिनों सेंट स्टीफन कॉलेज के छात्र देवांश मेहता सुर्खियों में हैं। दर्शनशास्त्र, तृतीय वर्ष के इस छात्र ने अपनी साख, सम्मान और अपने पर लगे आरोपों को पूरे कॉलेज के सामने खारिज करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्याय मिल भी गया। देवांश अपनी जीत से काफी खुश है। उनका कहना है कि कोई कितना ही ताकतवर और ऊंची कुर्सी पर क्यों न बैठा हो, जुल्म के खिलाफ हर हाल में आवाज उठानी चाहिए।
अपनी जीत के मौके पर देवांश ने आउटलुक से खास बातचीत कीः