अब खूबसूरती को न होने दे उम्रदराज
ताउम्र ‘खूबसूरत‘ बने रहने की चाहत भला किस महिला को नहीं होती और यह खूबसूरती लोगों को इतनी भाती है कि इस सुंदरता पर न जाने कितने शायरों व कवियों ने किताबें लिख डाली है। भले ही कोई कितना भी खूबसूरत क्यों न हो, समय के साथ खूबसूरती भी ढ़लती है। जब भी शीशे में शरीर पर उम्र ढ़लने के लक्षण नज़र आने लगते है तो चेहरे पर एक अजीब सी चिंता उभर आती है। सभी खूबसूरत, खुशहाल, सम्मानित और बेहद संजीदातरी केसे अपनी जिंदगी जीना चाहते है।