ऐसे दौर में जब रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा चल रहा है, स्वामी विवेकानंद इजरायल के शरणार्थियों की बात करते हैं। वैचारिक असहमतियों को सहन न कर पाने के इस दौर में उनकी बात याद करने लायक है, जब उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसकी भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं।
पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी कावेश कुमार ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) में दाखिला न मिलने के कारण एक पत्र के जरिये मीडिया से मदद की गुहार लगाई है। कावेश कुमार के भाई विकेश कुमार ने बताया कि वह अपने पत्र के जरिये अपनी परेशानियों को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि वह उनकी मदद कर सकें।
मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थान्हवला ने कहा कि राज्य सरकार त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे उन ब्रू शरणार्थियों की वापसी का स्वागत करेगी जो राज्य के प्रामाणिक निवासी हैं।
शपथ लेने के हफ्ते भर के भीतर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा निर्णय लेते हुए सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी। यह पाबंदी फिलहाल 90 दिनों के लिए लगाई गई है जिसे बढ़ाया भी जा सकता है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और सऊदी अरब को निगरानी सूची में डाला गया है।
प्रवासियों और शरणार्थियों के अमेरिका में प्रवेश पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगाये जाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका में आने पर हिरासत में लिए गए लोगों के परिवारों के सदस्य न्यूयॉर्क शहर के कैनेडी हवाईअड्डे पर परेशान और हताश नजर आ रहे थे। हालांकि इस बीच एक फेडरल कोर्ट ने ट्रंप के प्रवासी नीति पर आंशिक रोक लगा दी है जिससे स्थिति में कुछ सुधार हो सकता है।
प्रवासियों को ले जा रही एक नौका के मिस्र के तट के करीब भूमध्य सागर में डूबने के तीन दिन बाद बचावकर्मियों ने 162 शव बरामद किए हैं। यह नौका यूरोप की ओर जा रही थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति के आगामी चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि यदि अमेरिका ने शरणार्थियों को सिर्फ मुस्लिम होने की वजह से लौटा दिया होता तो इससे आतंकवादियों के इस दुष्प्रचार और घिनौने झूठ को बढ़ावा मिलता कि अमेरिका इस्लाम का विरोधी है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि विश्व के करीब 60 लाख शरणार्थी बच्चों की आधी से भी कम संख्या स्कूल में पढ़ती है जिसका अर्थ यह हुआ कि वैश्विक औसत की तुलना में उनके शिक्षा प्राप्त करने की संभावना पांच गुना कम है।
नॉर्वे, स्वीटजरलैंड और यूरोपीय समुदाय के 28 देशों में शरण मांगने वालों की संख्या 2015 में 13 लाख पार कर गई। 1992 से यह संख्या लगभग दोगुनी है, जब सोवियत संध के पतन के बाद सात लाख लोगों ने शरण मांगी थी। यूरोपीय समुदाय की स्टैटिकल एजेंसी यूरोस्टार्ट ने आंकड़े जारी किए हैं। शरणार्थी तीन देशों से हैं- सीरिया, अफगानिस्तान और इराक। तीनों ही मुल्कों में अरसे से संघर्ष चल रहे हैं। इन देशों से लोग हजारों की संख्या में बेदखल हो रहे हैं और यूरोपीय देशों में शरण मांग रहे हैं।