हरियाणा में कमल वाली सरकार आने के बाद से लेकर अभी तक कोई करिश्मा नहीं हुआ। वादों की जमीन बंजर है। लेकिन एक मंत्री ऐसे हैं जिनका अपने विभाग के काम को लेकर ऐसा जुनून है कि इतनी चर्चा सरकारी योजनाओं की नहीं होती जितनी उनके ट्वीट की हो जाती है। जब से इन्होंने पदभार संभाला है तब से छापे और बर्खास्तगियां आम बात है। वह कभी अस्पताल तो कभी सचिवालय की छत पर खुद चढक़र पानी की टंकी साफ करने लगते हैं। स्वास्थ्य विभाग में इनका ऐसा हौवा है कि हरियाणा में एक जुमला कहा जाने लगा है, ‘भाग नहीं तो अनिल विज आ जाएगा’। पांच दफा विधायक चुने जा चुके साफ-सुथरी छवि के विज ने न तो सरकारी मकान लिया, न टेलीफोन सुविधा। गलत निर्णयों में अपनी ही सरकार की ऐसी-तेसी करने से भी नहीं डरते।
दुनिया की दिग्गज आईटी कंपनी गूगल के शिखर पर पहुंचने वाले सुंदर पिचई ने आईआईटी खडगपुर से बीटेक और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस की पढ़ाई मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग में की थी। इसके बाद उन्होंने व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया और 10 साल के भीतर कंपनी के सीईओ पद तक पहुंच गए। जानिए, पिचई की कौन-सी खूबियों ने दिलााई पिचई को ये कामयाबी
फैशन का मतलब सिर्फ अच्छे या चलन में चल रहे कपड़े पहनना भर नहीं है। फैशन बहुत अलग ढंग से परिभाषित होता है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि फैशन लड़कियों के लिए होता है। जनाब फैशन पुरुषों के लिए भी होता है। जे जे वलाया ने यही तो कर दिखाया है।
सुंदरता और सेहत एक सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसा कहना है सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज हुसैन का। वह बताती हैं कि अच्छी सेहत चेहरे पर रंगत लाती है और अच्छी सेहत की पूंजी है योग।
देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए उनके बेटे सुनील शास्त्री ने संबंधित फाइलों के खुलासे की मांग की है। इससे पहले मनमोहन सिंह सरकार उनकी इस मांग का अनसुना कर चुकी है।
दूरदर्शन द्वारा संस्कृत-समाचार प्रसारण की अवधि बढ़ाने के निर्णय पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि संस्कृत मोदी सरकार के एजेंडे में है। इस निर्णय का निहितार्थ भी आसानी से समझ में आने वाला है, इसलिए इस पर सवाल भी उठेंगे ही। इस ऐलान के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहला सवाल तो यह है कि संस्कृत में न्यूज बुलेटिनों और समाचार-चर्चा के कार्यक्रमों का दर्शक या श्रोता वर्ग कौन है? दूसरा सवाल यह है कि देश में कितने लोग ऐसे होंगे जो वास्तव में संस्कृत माध्यमों से इन कार्यक्रमों की बाट जोह रहे हैं? ये महज शोशा है या इसकी कोई ठोस जरूरत है?
हरियाणा के अटाली गांव में हुई हिंसा के लिए आप आदमी पार्टी के जांच दल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की इलाके में कुछ दिनों पहले हुई एक रैली को जिम्मेदार ठहराया है।