Advertisement

Search Result : "सुधार"

कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए दिए सुझाव

कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए दिए सुझाव

शिकायत निवारण व्यवस्था स्थापित करने समेत शीर्ष न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति की कोलेजियम प्रणाली में व्यापक पारदर्शिता लाने के लिए आज उच्चतम न्यायालय के समक्ष कई सुझाव पेश किए गए। नियुक्ति की कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए सुझावों के साथ ही योग्यता मापदंड, कोलेजियम के लिए एक सचिवालय की स्थापना तथा शिकायत निवारण व्यवस्था की स्थापना के मुद्दों को पेश किया गया।
आहें भरती बीमार नौकरशाही

आहें भरती बीमार नौकरशाही

राजनीतिक हस्तक्षेप और बेजा इस्तेमाल की बीमारी की वजह से नौकरशाही का मनोबल अब तक के सबसे निचले स्तर पर है।
देशव्यापी हड़ताल का असर, आम जनजीवन प्रभावित

देशव्यापी हड़ताल का असर, आम जनजीवन प्रभावित

केंद्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में बदलाव और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के खिलाफ 10 केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों के आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने से दिल्‍ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। हालांकि, भाजपा समर्थित बीएमएस और एनएफआईटीयू ने इस हड़ताल से दूरी बना ली है।
श्रम कानूनों में सुधार पर अडिग हैं मोदी

श्रम कानूनों में सुधार पर अडिग हैं मोदी

श्रम कानूनों में सुधार के प्रस्तावों पर श्रम संगठनों के कड़े विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि श्रम कानूनों में जरूरी सुधार किए जाएंगे मगर ये सुधार श्रम संगठनों के परामर्श और उनकी सहमति से ही होंगे। प्रधानमंत्री ने यहां 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
ग्रीस को मिलेगा बेलआउट, यूरोजोन के साथ हुआ समझौता

ग्रीस को मिलेगा बेलआउट, यूरोजोन के साथ हुआ समझौता

यूरोपीय देश आर्थिक संकट से जूझ रहे यूनान को राहत पैकेज देने पर तैयार हो गए हैं। ब्रसेल्‍स में करीब 17 घंटे तक चली शिखर वार्ता के बाद यूरोपीय संघ और यूनान के बीच इस मुद्दे पर सहमति बन गई है। पिछले पांच साल में यूनान को मिलने वाला यह तीसरा राहत पैकेज होगा, जिसके साथ कई कठोर शर्ते भी माननी होंगी।
रुपया 20 माह के निचले स्तर पर

रुपया 20 माह के निचले स्तर पर

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरावट का रुख जारी रखते हुए रुपया गुरुवार को 64 से भी नीचे फिसल गया और दोपहर के कारोबार के दौरान 64.25 रुपये तक लुढ़क गया।
भूमि सुधार चाहिए, भू-अध्यादेश नहीं

भूमि सुधार चाहिए, भू-अध्यादेश नहीं

हमारी मांग है कि जमीन ली जाए लेकिन कॉरपोरेट के लिए नहीं बल्कि किसानों के लिए। जमीन ली जाए ताकि किसान औरतों के पक्ष में जमीन का पुनर्वितरण हो। खेती नहीं रहेगी, देश के पास अनाज नहीं रहेगा तो मेक इन इंडिया के नारे का ढोल कैसे बजेगा और कौन बजाएगा। यह कहना था भारतीय महिला फेडरेशन की महासचिव एनी राजा का।
Advertisement
Advertisement
Advertisement