कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज राष्टपति प्रणब मुखजर्ी से मुलाकात करेंगे और जेएनयू विवाद तथा देश के विभिन्न हिस्सों में कथित तौर पर छात्रों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाएंगे।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी बहुत सुलझे हुए अनुभवी और योग्य राजनेता हैं। इंदिरा गांधी से नरेंद्र मोदी तक के सत्ता काल में उन्होंने केंद्र-राज्य संबंधों एवं राज्यपालों की भूमिका को जाना-परखा है। इस दृष्टि से मंगलवार को श्री मुखर्जी ने राज्यपालों के सम्मेलन में किसी का नाम लिए बिना नेक सलाह (निर्देश भी संभव) दी कि ‘संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को संविधान की पवित्रता को अक्षुण्ण रखना चाहिए।’
राज्यपालों की भूमिका पर पैदा हुए विवाद के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को राज्यपालों को मशवरा देते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोग संविधान की पवित्रता बरकरार रखें।
भारतीय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (आईसीआरआईईआर) द्वारा भारत के ‘पादप पोषक तत्व’ नामक जारी रिपोर्ट के अनुसार सभी आय वर्ग के भारतीय उपभोक्ता अनुशंसित की गई फलों व सब्जियों की कम से कम मात्रा 400 ग्राम या प्रतिदिन पांच बार प्रत्येक का 80 ग्राम औसत के साथ से कम उपभोग कर रहे हैं।
हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लंबे समय से चली आ रही इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह अंतरिम प्रधानमंत्री बनना चाहते थे। प्रणब ने इन अटकलों को गलत और द्वेषपूर्ण करार दिया है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरणों पर आधारित किताब, दि टर्बुलेंट ईयर्स:1980-1996 का गुरुवार को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया। किताब में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने की घटना का जिक्र करते हुए मुखर्जी ने लिखा कि अयोध्या में रामजन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना प्रधानमंत्री राजीव गांधी का गलत निर्णय था। मुखर्जी ने बाबरी विध्वंस को पूर्ण विश्वासघात करार दिया जिसने भारत की छवि नष्ट कर दी।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज गुजरात विधानसभा द्वारा पारित विवादास्पद आतंकवाद रोधी विधेयक को लौटाते हुए और अधिक सूचना मांगी है। राष्ट्रपति के लौटाए जाने के बाद विधेयक को वापस ले लिया गया।