बिहार में दो चरण का मतदान होने के बाद मतदान के रुझानों और विभिन्न जातों की गोलबंदी से एक बड़ा सवाल उभर रहा है कि क्या यह विधानसभा चुनाव अगड़ा बनाम पिछड़ा बनता जा रहा है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में भारतीय टीम के घटिया प्रदर्शन के कारण तीन मैचों की शृंखला तो गंवानी ही पड़ी, उग्र दर्शकों के शर्मनाक व्यवहार ने भी भद्रजनों के इस खेल को शर्मसार कर दिया। भारतीय टीम महज 17.2 ओवर में 92 रन बनाकर सिमट गई। दक्षिण अफ्रीका ने इस आसान लक्ष्य को छह विकेट और 17 गेंद रहते हासिल कर लिया।
भाजपानीत राजग में कद्दावर हैसियत के साथ उभरे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी कम से कम एक मामले में राजग के अपने पुराने सहयोगी रामविलास पासवान और उनकी लोजपा के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। कुछ दिन पहले पासवान पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाने वाले राज्य के इस बड़े महादलित नेता मांझी ने अपनी पार्टी ‘हम’ यानी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के उम्मीदवार तय करने में अपना और अपने नेताओं के परिवार के लोगों का विशेष ध्यान रखा है।
एनडीए के घटक दलों में हुए सीट समझौते के बाद गठबंधन के लगभग हर दल में नाराजगी है। लोजपा के रामा सिंह के बाद अब भाजपा के दो विधायकों ने टिकट न मिलने पर बागी रुख अख्तियार कर लिया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच सीटों का बंटवारा हो गया है। रामविलास पासवान की लोजपा 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी 23 और जीतनराम मांझी की पार्टी हम 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शृंखला से पहले शिखर धवन और सुरेश रैना को अपनी फिटनेस और फार्म को आजमाने का मौका मिलेगा जब वे बांग्लादेश ए के खिलाफ आगामी घरेलू शृंखला में भारत ए के लिए खेलेंगे।
रामविलास पासवान अपने पुत्र और भाइयों से ऊपर अपने को और अपनी पार्टी लोजपा को कभी भी नहीं बढ़ने दे सके। उनकी पूरी राजनीति केवल अपने परिवार के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है। यह कहना है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई। भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे लोक जनशक्ति पार्टी, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेताओं की बैठक में भाजपा ने साफ कर दिया कि वह 150 से 170 सीटों पर चुनाव लड़ेगी बाकी सीटें सहयोगी दलों के लिए रहेगी।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज अन्य देशों से भारत को अपना विनिर्माण केंद्र बनाने का आह्वान किया और कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में रेलवे की सेवाओं के विकास के लिए 120 अरब डॉलर का निवेश करेगी।