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Search Result : "सूफी मुसलमान"

दिल्‍ली में भुखमरी के कगार पर रोहिंग्या मुसलमान

दिल्‍ली में भुखमरी के कगार पर रोहिंग्या मुसलमान

बर्मा से आई तीस साल की तस्लीमा यह नहीं जानती कि उसका बेटा किस तारीख को पैदा हुआ। हालांकि वह यह जानती है कि बेटा 18 या 20 दिन का हो चुका है। सफदरजंग अस्पताल से कोई पर्ची नहीं मिली। अस्पताल प्रशासन का कहना था कि तस्लीमा दूसरे देश की रहने वाली है इसलिए उसे बच्चे का प्रमाणपत्र नहीं दिया जा सकता। दो साल पहले वह अपने वतन बर्मा से बांग्लादेश होती हुई दिल्ली पहुंची। मात्र तीस साल की उम्र में चार बच्चों की मां बन चुकी तस्लीमा अपने पति और बच्चों के साथ किसी तरह जान बचाकर भारत आ तो गई लेकिन यहां जिन हालातों में जी रही है वह जीते जागते मरने जैसे हैं।
कट्टर खट्टर पर ऑनलाइन प्रहार

कट्टर खट्टर पर ऑनलाइन प्रहार

एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्यू में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दादरी मसले पर बात करते हुए एक विवादित बयान दिया कि मुसलमान इस देश में रह सकते हैं लेकिन उन्हें गौमांस खाना छोड़ना होगा। इसके बाद से सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के खिलाफ माहौल बन गया। चारों ओर से इस ब्यान की निंदा होने लगी। मुख्यमंत्री के ओएसडी जवाहर यादव ने स्थिति संभालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा कुछ नहीं कहा जबकि अखबार ने उनके मुंह में ऐसे शब्द डाले। इसके बाद अखबार ने मुख्यमंत्री के इंटरव्यू का ऑडियो टेप जारी कर दिया। सोशल मीडिया के कुछ कमेंट्स
क्‍या गोमाता भी हमें गोभक्‍तों से बचा पाएंगी | नीलाभ मिश्र

क्‍या गोमाता भी हमें गोभक्‍तों से बचा पाएंगी | नीलाभ मिश्र

धर्म या संप्रदाय की स्वनिर्मित अवधारणाओं के आधार पर अस्मिता या राष्ट्रीयता को परिभाषित करने वाली विचारधारात्मक सनक के हाथों भिन्न विचारों और आस्था वाले लोगों के साथ हिंसा और प्रताड़ना के आजादी के बाद से चले आ रहे सिलसिले को देखता हूं तो सोचता हूं, इस देश में कौन सुरक्षित है?
आजम ने संयुक्त राष्‍ट्र से की दादरी कांड की शिकायत

आजम ने संयुक्त राष्‍ट्र से की दादरी कांड की शिकायत

नोएडा के दादरी स्थित बिसाहड़ा गांव में गोवध के आरोप में एक मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या को लेकर मचे बवाल के बीच उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खां ने आज संयुक्त राष्ट्र महासचिव को पत्र लिखकर देश में मुसलमानों के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की।
गुड़गांव में बुल्डोजर चलने से अल्पसंख्यक आंदोलित

गुड़गांव में बुल्डोजर चलने से अल्पसंख्यक आंदोलित

गुड़गांव के सेक्टर-62 में आज 35 मुस्लिम परिवारों के घरों पर बुल्डोजर चला दिया गया। फरीदाबाद में अटाली वाला मसला अभी जस का तस है, बल्कि हालात पहले से ज्यादा खराब हो चले हैं कि गुड़गांव के इस नए मसले ने फिर से राजनीति गरमा दी है।
'मुसलमान तुम्हारी मिलकियत नहीं औवेसी'

'मुसलमान तुम्हारी मिलकियत नहीं औवेसी'

भड़काऊ भाषणों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले औवेसी बंधू खुद को मुस्लिमों के हमदर्द के रूप में पेश करने की जद्दोजहद में लगे हैं, मगर सवाल यह है कि क्या मुसलमानों की भावनाओं को बेचकर खुद के लिए अपनी सीट सुरक्षित कर लेना हमदर्दी है ? इन भावनाओं का सौदा कर अपने लिए जमीन तैयार करने को आप क्या कहेंगे।
एक अच्‍छे मुसलमान की यादगार | सुहैल हाशमी

एक अच्‍छे मुसलमान की यादगार | सुहैल हाशमी

तुम कितने तुच्छ, कंजूस और दिखावटी हो सकते हो इसका अंदाजा अभी हुआ। तुम ने तो उसका यश गाया था, उसका महिमा मंडन किया था, उसे अब तक के, लगभग सब से महान वैज्ञानिक की तरह प्रस्तुत किया था। उस पर तो सम्मानों और पदवियों की बारिश हुआ करती थी, उसे तो तुम ने देश के सब से बड़े नागरिक सम्मान से आभूषित किया था, उसे राष्ट्राध्यक्ष के पद पर आसीन किया था तुमने। और तुम्हीं ने तो हर गली, हर चौबारे से हर मकान की छत से ऐलान किया था कि यही है जनता का राष्ट्रपति !
अमीर खुसरो की कविता, शिरीन की कहानी

अमीर खुसरो की कविता, शिरीन की कहानी

हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
जनगणना के धर्म संबंधी आंकड़े जारी, जाति के लिए अभी इंतजार

जनगणना के धर्म संबंधी आंकड़े जारी, जाति के लिए अभी इंतजार

केंद्र सरकार ने धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए लेकिन अभी जाति आधारित जनगणना के नतीजे नहीं जारी हुए। जबकि कई राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं।
आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

मुसलमान औरत के दिल में आजादी की तड़प की थाह लेने की जब-जब कोशिश की गई है तो भीतर ज्वालामुखी की तपिश को महसूस किया गया। वे भी यह जताने को बेसब्र हैं कि वे भी मुकम्‍मल आजादी की तलबगार हैं। वे नहीं चाहतीं कि उनके शौहर को एक से अधिक निकाह करने का हक हो। वे तलाक-तलाक-तलाक यानी मुंह जबानी तलाक के खिलाफ हैं।