कष्ट में पड़े लोग सरल हृदय करुणा के स्पर्श की सांत्वना के भूखे होते हैं। आत्मरत चतुराई उनके जले पर नमक छिडक़ती है। यह बात मोदी सरकार के चालाक मीडिया प्रबंधक नहीं समझ पाए। वे यह भी भूल गए कि भारतीय टेलीविजन, खासकर हिंदी टेलविजन, नेपाल के लोग भी देखते और समझते हैं।
सरकारें और सत्ता बदलते ही सबसे पहले शहरों, कस्बों, रेलवे स्टेशनों, विमानतलों, सड़कों, गली और मोहल्लों के नाम बदलने की होड़ लग जाती है। यह अलग बात है कि लोगों के जहन में बरसों बरस वही पुराने नाम चले आते हैं।
रेल का चक्का दौड़ाने में पुरूषों से कम नहीं हैं महिलाएं कभी घर की चौखट से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं अब भारतीय रेल का चक्का दौड़ाने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं।
गर्मियों की छुट्टियां आते ही घूमने जाने की योजनाएं परवान चढऩे लगती हैं। बोरिया-बिस्तर बांधा, इंटरनेट पर कुछ खोजा-समझा और चल दिए घूमने। कभी यह भी नहीं सोचा कि वहां जाने के लिए मौसम अच्छा है या नहीं या फिर जिन सुविधाओं या मस्ती के लिए जा रहे हैं वह वहां मिलेगी या नहीं