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										    स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में न्याय, स्वतंत्रता, समता और भाईचारे के चार स्तंभों पर निर्मित लोकतंत्र को मजबूती से आगे बढ़ाने पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय चरित्र के विरुद्ध कमजोर वर्गों पर हुए हमले पथभ्रष्टता हैं, जिससे सख्ती से निपटने की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में हाल ही में पारित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक का भी जिक्र किया। 
										
                                                                                
                                     
                                                 
  
  
  
  
  
  
  
  
  
			 
                     
                    