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‘आप’ का स्वराज कहां है भई?

‘आप’ का स्वराज कहां है भई?

भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति, प्रत्यक्ष लोकतंत्र (डायरेक्ट डेमोक्रेसी), स्वराज जैसे जुमलों को हवा में उछाल कर जिस तरह आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ दिल्ली की सत्ता में आई। उसे जनता के एक बड़े हिस्से ने भारतीय राजनीति में बदलाव की ताकत के तौर पर देखा। लेकिन पार्टी के मुख्य हीरो जिस तरह लगातार इन शब्दों का मजाक उड़ाते रहे उससे नाराज लोग अब सवाल उठाने लगे हैं कि यह आप का स्वराज है कहां? आप की भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति की पोल अब पूरी तरह खुल चुकी है। यह भी साबित हो चुका है कि पार्टी का केजरीवाल गुट किसी भी तरह से सत्ता में आना और बने रहना चाहता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में जिस तरह से आपराधिक, धनबली और बाहुबली प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया उस पर सवाल तो उठे थे लेकिन केजरीवाल गुट के मीडिया मैनेजरों ने कभी भी इन्हें मुख्य सवाल नहीं बनने दिया। क्या अपराधियों और बाहुबलियों को साथ लेकर कोई भ्रष्टाचार विरोधी लड़ी जा सकती है। यह सवाल उठाना अब पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को महंगा पड़ रहा है क्योंकि कल के उम्मीदवार आज चुनाव जीत चुके हैं और दोनों नेताओं को ठिकाने लगाने के लिए अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी कर रहे हैं।
मोदी की यात्रा से पहले श्रीलंका का झटका

मोदी की यात्रा से पहले श्रीलंका का झटका

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के श्रीलंका दौरे से पहले प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया कि अगर भारतीय मछुआरे श्रीलंका के जल क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो उन्हें गोली मारी जा सकती है। उन्होंने भारतीय मछुआरों पर उत्तरी श्रीलंका के मछुआरों की आजीविका छीनने का आरोप लगाते हुए तमिल तांती टीवी से कहा अगर कोई मेरे घर में घुसने की कोशिश करता है तो मैं गोली मार सकता हूं। अगर वह मारा जाता है तो कानून मुझे ऐसा करने की अनुमति देता है।
राहुल का प्रचार अभियान सबसे खराब: पुस्तक

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सांघवी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक रहस्य करार दिया है। लेखक ने लिखा है, वह बेहद निजी जीवन से निकलकर कांग्रेस को उबारने के लिए आई थीं और दो चुनावों, 2004 एवं 2009, में कांग्रेस की जीत की अगुवाई की। जब यह सब कुछ हो रहा था तो वह कहां थीं? उनका राजनीतिक सहज ज्ञान कहां था? क्या उन्हें यह नहीं दिख रहा था कि कांग्रेस विनाश की ओर बढ़ रही है ? लेखक कहते हैं, इन सवालों का जवाब वास्तव में कोई नहीं जानता है।
नाइजीरिया में बोको हराम के हमले में 38 की मौत

नाइजीरिया में बोको हराम के हमले में 38 की मौत

उत्तर पूर्वी नाइजीरिया में दो आत्मघाती हमलों में कम से कम 38 लोग मारे गए। देश में 28 मार्च को चुनाव होने हैं और बोकोहरम के नेता ने मतदान में व्यवधान डालने की धमकी दी है।
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