एक ओर बैन के बाद बाजारों में नेस्ले की मैगी दोबारा से लौट आई है वहीं दूसरी ओर इसके सामने चुनौती के तौर पर बाबा रामदेव की स्वदेशी मैगी आज से बाजार में उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में शनिवार को भारतीय संविधान के निर्माता और दलितों के मसीहा बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर को समर्पित एक स्मारक का उद्घाटन किया। डा. अंबेडकर एक छात्र के रूप में अपने ब्रिटेन प्रवास के दौरान 1920 के दशक में यहां रहा करते थे।
गाय को पवित्र कब से माना गया और क्यों माना गया, यह व्यापक विवाद और विमर्श का विषय है। इस बात पर भी भयंकर मतभेद है कि प्राचीन सभ्यताएं गोमांस को स्वीकृति देती थीं और भारत के आदिकालीन निवासी अपने खान-पान में उसे शामिल करते थे। आर्ष ग्रंथों में आई उन बातों को भी अब कोई नहीं सुनता है कि किसी जमाने में गौमेध यज्ञ भी हुआ करते थे। अब जब गाय को पवित्र मान कर उसे मां का दर्जा दे ही दिया गया है और उसे आस्था की वस्तु बनाकर आलोचना से परे रख दिया गया है तो उस पर बहस की कोई गुंजाईश रही ही कहां है। अब तो ‘वन्दे धेनुमातरम‘ और ‘जय गोमाता‘ कहो, गोकथा कराओ, गोदूध महोत्सव मनाओ, गोशाला चलाओ, गोमंदिर बनाओ, गोकुल धाम निर्मित करो और गोअनुसंधान एवं गोरक्षा के नाम पर तरह-तरह के संगठन और सेनाएं बनाकर जमकर हंगामा मचाओ। आज गाय के नाम पर सब कुछ जायज है क्योंकि गाय हमारी माता है, गाय की रक्षा करना हमारा धर्म है, यह पुण्य का काम है।
देश में बढ़ती असहिष्णुता पर चल रही बहस को आगे बढ़ाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि विचारों के लिए माहौल बेहतर बनाने के वास्ते सहिष्णुता तथा परस्पर सम्मान जरूरी है और किसी समूह विशेष को शारीरिक क्षति पहुंचाने या अपमानजनक शब्द कहने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
पंजाब में बढ़ रही हिंसा को देखते हुए अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा सौदा वाले बाबा राम रहीम पर यूटर्न ले लिया है। अकाल तख्त ने बाबा को दी हुई माफी वापस ले ली है। दरअसल गुरू गोबिंद सिंह का बाना पहनने के मसले पर सिखों की धार्मिक अदालत अकाल तख्त साहिब ने राम रहीम को हाल ही में माफी दी थी।
सुब्रह़मण्यम स्वामी को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद़यालय का कुलपति बनाने की चर्चा इतनी तेजी से शुरू हुई कि प्रायः हर किसी ने इसे सच मान लिया। अकादमिक दुनिया कान लगाकर आहट सुनने लगी। इस पर मीडिया माध्यमों से लेकर बौद्धिक तबके में विमर्श का दौर शुरू हो गया और सुब्रह़मण्यम स्वामी की टिप्पणियां भी सामने आ गई। उन्होंने अपनी योजनाएं भी बता दीं कि वे जेएनयू में किस प्रकार नक्सलियों और ड्रग्स के शिकार लोगों को काबू में करेंगे। यह अपेक्षा भी जता दी कि सरकार उन्हें खुली छूट दे तो वे काम करने को तैयार हैं।
अर्थशास्त्री, लेखक, प्रोफेसर, वरिष्ठ वकील और भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति बनाए जाने की संभावनाओं पर दिन भर सोशल मीडिया पर तीखी बहस जारी रही। मीडिया में आई खबरों के अनुसार मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके लिए स्वामी का नाम प्रस्तावित किया है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। इसमें कितनी सच्चाई है यह भी नहीं पता लेकिन दिनभर इसपर तीखी प्रतिक्रियाएं आती रहीं-
झारखंड सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड (एमएसजी-2) को राज्य में प्रतिबंधित कर दिया। फिल्म को कथित तौर पर आदिवासियों के संबंध में की गई विवादित टिप्पणियों के चलते प्रतिबंधित किया गया है।
भाषा संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास की स्मृति में वृंदावन में आयोजित किया जाने वाला संगीत और नृत्य समारोह इस साल 20 और 21 सितंबर को आयोजित किया जाएगा। समारोह में हर साल की तरह इस साल भी कई नामचीन हस्तियां शिरकत करेंगी।
निजी टीवी चैनल आईबीएन-7 पर लाइव बहस के दौरान तकरार मारपीट तक पहुंच गई। रविवार को प्रोग्राम ‘आज का मुद्दा’ में राधे मां और उन पर लगने वाले आरोपों को लेकर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान ओमजी महाराज नाम के एक तथाकथित धर्मगुरू ने स्टूडियों में बैठीं दीपा शर्मा नाम की महिला पर व्यक्तिगत टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं। इससे गुस्साई दीपा शर्मा ने ओमजी महाराज को थप्पड़ रसीद कर दिया। फिर क्या था महिला और महाराज के बीच शो के दौरान ही हाथापाई शुरू हो गई। प्रोग्राम के वीडियो में महाराज भी महिला को थप्पड़ मारते हुए दिखाई दे रहे हैं।