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Search Result : "स्वास्‍थ्यवर्धक"

हर किसी का फेफड़ा खराब नहीं: डॉ. नरेश त्रेहन

हर किसी का फेफड़ा खराब नहीं: डॉ. नरेश त्रेहन

प्रदूषण नियंत्रण को लेकर दिल्ली में जारी सम-विषम गाड़ियों की योजना के बीच चार जनवरी को दिल्ली सरकार द्वारा अखबारों में जारी पूरे पृष्ठ का एक विज्ञापन लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। यह विज्ञापन दिल्ली सरकार ने देश के जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहन द्वारा जारी एक तस्वीर को सामने रखकर जारी किया है।
दिल से चार्ज होंगे पेसमेकर

दिल से चार्ज होंगे पेसमेकर

वैज्ञानिक बिना बैटरी वाला ऐसा आधुनिक पेसमेकर विकसित कर रहे हैं, जिसे खुद वह दिल चार्ज कर सकेगा, जिसमें वह लगाया गया होगा। यह प्रगति दरअसल एक पीजोइलेक्ट्र‌िक सिस्टम पर आधारित है जो कि छाती के भीतर हर धड़कन पर पैदा होने वाली कंपन ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलने की क्षमता रखता है। इस तरह से पेसमेकर को जरूरी उर्जा उपलब्ध करवाई जा सकती है।
इस मोर्च पर तो नीतीश सरकार ने कमाल कर दिखाया

इस मोर्च पर तो नीतीश सरकार ने कमाल कर दिखाया

अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में नीतीश कुमार ने छोटे बच्चों में पूर्ण टीकाकरण को 18.6 फीसदी से 70 फीसदी तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की। यह देश के औसत के बराबर है।
हार्ट अटैक के बाद दिल की मांसपेशियां फिर बना देगा यह प्रोटीन

हार्ट अटैक के बाद दिल की मांसपेशियां फिर बना देगा यह प्रोटीन

वैज्ञानिकों ने ऐसे प्रोटीन की पहचान की है जो दिल का दौरा पड़ने के बाद उसकी मांसपेशी की कोशिकाओं को फिर से बनाने में मदद करता है। अनुसंधाकर्ताओं ने यह भी बताया है कि हृदय के अंदर थोड़ी अधिक मात्रा में यह प्रोटीन रखा जाए तो चूहों और सुअरों में इससे न केवल हृदयघात के बाद दिल के कामकाज में सुधार होता है बल्कि उनके बचने की संभावना भी बढ़ जाती है।
कुपोषण से मुक्ति एक सपना बन गया है

कुपोषण से मुक्ति एक सपना बन गया है

कुपोषण एक ऐसी बीमारी जो कि बच्चों के विकास में बाधक ही नहीं बल्कि समाज के लिए चिंता का विषय है। कुपोषण से मुक्ति की सरकार लाख कोशिशें कर ले लेकिन इससे मुक्ति एक सपना बन गया है। राष्ट्रीय प्रतिष्ठान और सेव द चिल्ड्रेन के लिए किए जा रहे शोध के दौरान पाया गया कि सरकारी आंकड़े कुपोषण को लेकर कुछ और स्थिति बताते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है।
योजनाएं हैं लेकिन उन पर अमल नहीं

योजनाएं हैं लेकिन उन पर अमल नहीं

इस साल यानी 2015 में हम मिलेनियम डेवलेपमेंट गोल्स पाने के करीब हैं। सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों ने ये लक्ष्य अपने लिए तय किए थे और इनमें भारत भी एक है। इन लक्ष्यों में गरीबी, भुखमरी को दूर करना, प्राइमरी शिक्षा सब तक पहुंचाना, लैंगिक समानता के साथ माताओं का स्वास्थ्य भी एक लक्ष्य तय किया गया था। हम इस लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे या नहीं इस बहस को एक तरफ रखकर अगर देखें तो जानेगें कि हम इस (माताओं के स्वास्थ्य) लक्ष्य की तरफ अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाएं हैं।
चिकित्सकों की गैरहाजिरी कोई नई बात नहीं

चिकित्सकों की गैरहाजिरी कोई नई बात नहीं

पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहितियां में सुबह के दस बजे पहुंचने पर पता चला कि अस्पताल बंद है। क्योंकि न तो अस्पताल में डाॅक्टर पहुंचे और न ही कंपाउडर। कोई सहायक भी नहीं है जो यह बता पाए कि डाॅक्टर कब आएंगे और अस्पताल कब खुलेगा।
विटामिन डी से लाभ के दावों पर उठे सवाल

विटामिन डी से लाभ के दावों पर उठे सवाल

यह तो सब को पता ही है कि सूर्य की किरणें विटामिन डी का सीधा स्रोत हैं। वर्तमान में जो जीवनशैली लोग अपनाए हुए हैं उसमें अधिकांश लोगों में विटामिन डी की कमी हो जाती है क्योंकि सूर्य की सीधी रोशनी लोगों के शरीर को कम ही छूती है।
चिकित्सा के क्षेत्र में खामियां

चिकित्सा के क्षेत्र में खामियां

एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका जैसे विकसित देश में हर साल 10 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत चिकित्सा त्रुटि के कारण हो रही है। स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता का ध्यान रखकर, बेहतर सेवा प्रदान किया जा सकता है। ऐसा नहीं है कि इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
नेता-माफिया के गठजोड़ से मध्य प्रदेश सरकार कटघरे में

नेता-माफिया के गठजोड़ से मध्य प्रदेश सरकार कटघरे में

मध्य प्रदेश एक बार फिर माफिया की करतूतों से चर्चा में है। खनन, भूमि, स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में फैले माफियाओं ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। कल तक मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार का गुणगान करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता भी अब मानने लगे हैं कि राज्य में अव्यवस्था फैलती जा रही है।
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