Advertisement

Search Result : "हरियाणा Haryana"

सरकारों को झुकाने के बाद अब शांत हो रहा है हरियाणा

सरकारों को झुकाने के बाद अब शांत हो रहा है हरियाणा

हरियाणा में जाट समुदाय की आरक्षण की मांग की समीक्षा के लिए केंद्रीय मंत्री के अधीन एक समिति गठित करने की भाजपा की घोषणा के बाद आंदोलनकारियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में नाकेबंदी हटानी शुरू कर दी है और हिंसाग्रस्त राज्य में जनजीवन आज फिर से सामान्य होता नजर आया। कई दिनों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त रहने के बाद कैथल समेत कुछ शहरों में हालात सामान्य हो रहे हैं और अधिकारियों ने अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी स्थिति में आज उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद व्यक्त की है। अधिकारियों ने कैथल और इसके निकटवर्ती कस्बे कलायत से कल कर्फ्यू हटा लिया।
जाट आंदोलन: हरियाणा में जारी रही हिंसा, मृतकों की संख्या हुई 16

जाट आंदोलन: हरियाणा में जारी रही हिंसा, मृतकों की संख्या हुई 16

हरियाणा में आरक्षण के लिए आंदोलनरत जाटों ने आज भी कई जगहों पर हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया। भीड़ ने ताजा घटनाक्रम में सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करने के साथ ही कई सरकारी वाहनों में आग लगा दी। आंदोलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 16 तक पहुंच गई है।
मूनक नहर से प्रदर्शनकारियों को हटाने में दिक्कत

मूनक नहर से प्रदर्शनकारियों को हटाने में दिक्कत

हरियाणा में जाट आंदोलन के चलते वहां से दिल्ली को होने वाली पेयजल आपूर्ति बाधित हो रही है। हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) पी.के. दास ने संवाददाताओं को बताया कि मूनक नहर से प्रदर्शनकारियों को हटाने में उन्हें दिक्कतें आ रही हैं। प्रदेश की स्थिति और न बिगड़े, हालात नियंत्रित रहें, इस कारण उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास फिलहाल रोक दिया गया है। मूनक नहर के जरिये ही दिल्ली को पेयजल पूर्ति होती है।
अन्य राज्यों में भी पहुंची जाट आरक्षण की आंच भाजपा नेताओं की बढ़ी चिंता

अन्य राज्यों में भी पहुंची जाट आरक्षण की आंच भाजपा नेताओं की बढ़ी चिंता

हरियाणा में चल रहे जाट आंदोलन की आंच अब उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी पहुंचने लगी है। इससे भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। भाजपा नेताओं को यह डर सताने लगा है कि अगर मामला जल्द नहीं सुलझा तो उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ सकती है।
आप एसी कमरे में बैठकर हमसे आदेश जारी कराना चाहते हैंः सुप्रीम कोर्ट

आप एसी कमरे में बैठकर हमसे आदेश जारी कराना चाहते हैंः सुप्रीम कोर्ट

हरियाणा में जाट आरक्षण के आंदोलन के कारण दिल्ली में बढ़ते जल संकट पर सर्वोच्च अदालत ने केजरीवाल सरकार की दलील पर हालांकि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस तो जारी कर दिया लेकिन साथ ही ‌दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने केजरीवाल सरकार से कहा कि आप चाहते हैं कि हम आपके लिए आदेश जारी करें और आप एसी कमरे में बैठकर आराम फरमाते रहें।
जाट आंदोलनः दिल्ली-सोनीपन हाईवे जाम, आंदोलन जारी

जाट आंदोलनः दिल्ली-सोनीपन हाईवे जाम, आंदोलन जारी

दिल्ली के नजदीक हरियाणा के सोनीपत जिले में जाट आरक्षण आंदोलन अब भी जारी है। जाट आंदोलनकारी समुदाय मोर्चे पर डटे हुए हैं। रोहतक-पानीपत और दिल्ली- सोनीपत हाइवे जाम है। उपद्रवियों ने शहर में भी कई जगह तोड़ फोड़ और आग जनी की।
भीड़ से बात नहीं कर सकते, अपनी समिति गठित करें जाट: अनिल विज

भीड़ से बात नहीं कर सकते, अपनी समिति गठित करें जाट: अनिल विज

कोटे की मांग को लेकर जारी जाटों के हिंसक प्रदर्शन पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने आज साफ तौर पर कहा कि भीड़ से बात नहीं की जा सकती और राज्य सरकार के साथ परस्पर संवाद के लिए उन्हें एक समिति गठित करनी चाहिए।
बसपा प्रमुख मायावती ने किया जाट आरक्षण का समर्थन

बसपा प्रमुख मायावती ने किया जाट आरक्षण का समर्थन

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने जाट समुदाय की आरक्षण की मांग का समर्थन करते हुए आज कहा कि विरोधी पार्टियों खासकर हरियाणा की भाजपा सरकार को इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उसे तत्काल लागू करना चाहिये।
जल संकट: कल बंद रहेंगे दिल्ली के स्कूल

जल संकट: कल बंद रहेंगे दिल्ली के स्कूल

जाट आंदोलन के कारण हरियाणा से जल आपूर्ति में कटौती किए जाने पर दिल्ली सरकार ने कल राजधानी में स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है। यह घोषणा जल संकट से निपटने के लिए शहर में पानी के नियंत्रित वितरण की नीति के तहत की गई है।
चर्चा : अपने हाथ क्यों जलाएं ?। आलोक मेहता

चर्चा : अपने हाथ क्यों जलाएं ?। आलोक मेहता

विरोध, प्रदर्शन, आंदोलन, लोकतंत्र में अनुचित नहीं माने जाते। लेकिन अपने खेत-खलिहान-घर-आंगन को सुरक्षित रखने के साथ मासूम बच्चों के स्कूलों, बीमार और घायलों का उपचार करने वाले अस्पतालों, गांव से कस्बों तक पहंुचाने वाली बसों अथवा जानमाल की सुरक्षा के लिए बनाए गए थानों को आग लगाने के बजाय सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी तो समाज की है।