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धमकी के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच राजनाथ पाकिस्‍तान पहुंचे, 200 कमांडो तैनात

धमकी के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच राजनाथ पाकिस्‍तान पहुंचे, 200 कमांडो तैनात

सार्क देशों के गृहमंत्रियों के सम्मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह बुधवार शाम को पाकिस्‍तान पहुंचेे। इस्‍लामाबाद एयरपोर्ट से वो सीधे आंतरिक मंत्रालय के अतिरिक्‍त सचिव आमीर एहमद से मिलने गए।पाकिस्‍तान में हाफिज सईद की धमकी के बाद राजनाथ की सुरक्षा में 200 कमांडो तैनात किए गए हैं।
शरीफ बोले, बुरहान की मौत शर्मनाक, सईद के लिए वानी शहीद, भारत का विरोध

शरीफ बोले, बुरहान की मौत शर्मनाक, सईद के लिए वानी शहीद, भारत का विरोध

हिज्‍बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद जहां घाटी सुलग रही है, वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान ने वानी की मौत पर दुख जताया है। पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से लेकर आतंकी आका हाफिज सईद तक वानी के लिए शोक मना रहे हैं। भारत ने पाकिस्‍तान की प्रतिक्रिया पर विरोध व्‍यक्‍त किया है। उसने कहा हैै कि पाकिस्‍तान भारत के आंतरिक मामलों में दखल न दे।
दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

बांग्‍लोदश के जन्‍म के समय कई लोगोें ने पाकिस्‍तान की मंशा का विरोध किया था। बांग्‍लादेश में 30 फीसदी अल्‍पसंख्‍यक हैं, जिन्‍हाेंने पाकिस्‍तान का साथ दिया था। इनमें सेना, पुलिस, नागरिक सेवक, इस्‍लामिक समूह जैसे जमात-ए-इस्‍लामी आदि शामिल थे। बांग्‍लोदश नेशनलिस्‍ट पार्टी की खालिदा जिया भी पाकिस्‍तान के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्‍यक्ष शेख हसीना का भारत की तरफ झुकाव है। हसीना भावुक हैं और कठोर फैसले नहीं ले पाती हैं। इन दोनों बेगमों की विचारधारा और कार्य करने का जो अंतर है, उसी में बांग्‍लादेश फंस गया है।
सईद को कब से होने लगी मंदिरों की चिंता, बोला पाक में नहीं होने देंगे विध्‍वंस

सईद को कब से होने लगी मंदिरों की चिंता, बोला पाक में नहीं होने देंगे विध्‍वंस

पाकिस्तान के प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने कहा कि उसका संगठन देश में मंदिरों एवं गैर-मुस्लिमों के अन्य पवित्र स्थानों का विध्वंस नहीं होने देगा।
सब तय, महबूबा सोमवार को बनेंगी मुख्यमंत्री

सब तय, महबूबा सोमवार को बनेंगी मुख्यमंत्री

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती चार अप्रैल को जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। पीडीपी के नेता अमिताभ मट्टू ने बताया, महबूबा मुफ्ती चार अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करेंगी। पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के एक सलाहकार के रूप में काम कर चुके मट्टू ने उम्मीद व्यक्त की कि 56 वर्षीय महबूबा क्षेत्र में शांति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत करेंगी।
हेडली का दावा, हाफिज ने कहा था ठाकरे को सबक सिखाने की जरूरत

हेडली का दावा, हाफिज ने कहा था ठाकरे को सबक सिखाने की जरूरत

पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमेन हेडली ने एक आतंक निरोधी अदालत के सामने खुलासा किया कि लश्कर ए तैयबा के प्रमुख और 26/11 के मुख्य षड़यंत्रकारी हाफिज सईद ने मुंबई आतंकी हमलों से पहले उससे कहा था कि शिवसेना प्रमुख दिवंगत बाल ठाकरे को सबक सिखाने की जरूरत है।
जम्मू-कश्मीर की पहली महिला सीएम बनेंगी महबूबा मुफ्ती

जम्मू-कश्मीर की पहली महिला सीएम बनेंगी महबूबा मुफ्ती

लंबे अर्से से जारी गतिरोध खत्म होने का साथ ही जम्मू कश्मीर में सरकार गठन का रास्ता साफ हो गया है। पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती को आज सर्वसम्मति से पीडीपी विधायक दल ने अपना नेता चुन लिया। साथ ही पार्टी ने महबूबा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया।
‘लोग आग उगल रहे हैं और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है’

‘लोग आग उगल रहे हैं और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है’

‘ संसद एक मरकज अदारा है लेकिन वहां बैठे लोग नफरत उगल रहे हैं। खासकर मुस्लिम अकिलियत के खिलाफ। साल भर से आग उगलने का यह सिलसिला जारी है और सरकार मुंह में बताशा डालकर बैठी है। इसका मतलब समझा सकता है। लेकिन इस देश में धर्मनिरपेक्षता का दस्तूर जारी रखने के लिए हम मैदान में आए हैं। इसके लिए 12 मार्च को दिल्ली में लगभग 40,000 हिंदू, मुसलमान, दलित और ईसाई धर्म के लोग इक्ट्ठा होकर अमन का पैगाम देंगे।‘ यह कहना है जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सईद अरशद मदनी का।
भाजपा-पीडीपी गठजोड़ बना रहेगा मगर महबूबा ने लगाई कुछ शर्तें

भाजपा-पीडीपी गठजोड़ बना रहेगा मगर महबूबा ने लगाई कुछ शर्तें

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को राज्य में कारगर शासन के लिए माहौल पैदा करने की खातिर निर्णायक विश्वास बहाली के कदम उठाने चाहिए। जम्मू के सांबा जिले में पीडीपी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि केंद्र सरकार को जम्मू-कश्मीर तक पहुंचना है ताकि हताशा और अलगाव के अंधकारमय परिदृश्य को समाप्त किया जा सके क्योंकि सही राजनैतिक, आर्थिक और सुरक्षा चिंताएं सत्ता की राजनीति से आगे जाती हैं। महबूबा ने कहा, शांति और स्थिरता विकास और कारगर शासन के लिए पूर्व शर्त हैं।
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