बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य पैरोकार हाशिम अंसारी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। अंसारी ने अयोध्या के कोटिया में स्थित अपने आवास में बुधवार की सुबह 5 बज कर 30 मिनट पर अंतिम सांस ली। अंसारी 96 वर्ष के थे। उनके बेटे इकबाल अंसारी ने बताया कि उनके पिता हाशिम अंसारी बीते 6 माह से हृदय और सांस की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के सबसे उम्रदराज पैरवीकार हाशिम अंसारी के बुधवार को हुए निधन से मुसलमानों और हिन्दुओं समेत पूरे समाज में दुख का माहौल है। विवादित ढांचा विवाद के आखिरी मूल वादी अंसारी ने कभी भी मुद्दे को लेकर सियासत नहीं की। सारी जिंदगी मुकदमे की पैरवी में निकाल देने वाले अंसारी को समाज का हर वर्ग और तबका सम्मान की नजर से देखता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब से देश और भाजपा की कमान संभाले हैं तब से पार्टी के 75 साल पार हो चुके बड़े-बुजुर्ग नेताओंं को धीरे-धीरे किनारे किया जा रहा है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक का दर्जा देकर सक्रिय राजनीति से अलग किया गया। शांता कुमार और यशवंत सिन्हा को भी अलग-थलग कर दिया गया। इसके बाद मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह समेत कुछ अन्य मंत्रियों को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया।
हरियाणा में अब पियक्कड़ गौ पूजा करते नजर आएंगे। वजह है कि राज्य सरकार प्रति शराब की बोतल पर 2 रुपये गो सेवा टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है। इससे पहले पंजाब में भी शराब की प्रत्येक बोतल पर 10 रुपये सेस लगाने की मांग की जा चुकी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी राष्ट्रपति पद की दौड़ में आगे हो गए हैं। पहले इस पद के लिए लालकृष्ण आडवाणी का नाम आगे चल रहा था। इस बात के संकेत भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी देखने को मिला। सूत्रों के मुताबिक जोशी के नाम पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक भी अपनी सहमति जता सकता है।
संजय जोशी भाजपा में किसी बड़े पद पर नहीं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से संजय जोशी का छत्तीस का आंकड़ा है। लेकिन इन सबके बावजूद संजय जोशी के यहां भाजपा नेताओं का दरबार लगता है।
वे मानव शरीर को ‘मंदिर’ मानते थे। मंदिर की तरह ही अपने शरीर की उन्होंने देखभाल की। 104 साल की उम्र पाई। यहां बात देश के पहले मिस्टर यूनिवर्स मनोहर आइच की हो रही है। रविवार को उनका निधन हो गया। वे अपने ‘मंदिर’ को मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर गए। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में उनका ‘मंदिर’ यानी शरीर मेडिकल के विद्यार्थियों के रिसर्च के काम आएगा।
अपने जीवन में 61 फाइटिंग में से सिर्फ पांच में हारने वाले जाने माने मुक्केबाज 'द ग्रेट' मोहम्मद अली जिंदगी की जंग में पार्किन्संस से हार गए। 74 साल के अली सांस की तकलीफ की वजह से अस्पताल में भर्ती थे। उनका अमेरिका के लास एंजिल्स में निधन हो गया। अली को पार्किनसन की बीमारी की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी।