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Search Result : "हिंदू-मुस्लिम दंगा"

चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता

चर्चाः कहां हैं धर्म के रखवाले | आलोक मेहता

सीताराम, राधेश्याम, लक्ष्मीपति विष्‍णु, शिव-पार्वती की जयकार के साथ धर्म ध्वजा फहराने वाले धर्मगुरु, नेता, समाजसेवी की आवाज अहमदाबाद-पुणे में क्यों नहीं सुनाई दी? ब्रह्मांड न सही, विश्व हिंदू परिषद के गरजने वाले नेता तिलक और कमंडल के साथ मातृशक्ति के लिए मैदान में ‘संकीर्ण’ और सत्ता व्यवस्‍था के समक्ष खड़े क्यों नहीं दिखाई दिए?
मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं कुछ हिंदू समूह: अख्तर

मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं कुछ हिंदू समूह: अख्तर

जाने-माने गीतकार एवं पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने कहा है कि कुछ हिंदू समूह अब मुस्लिम कट्टरपंथियों की तरह बर्ताव कर रहे हैं। और यदि इस प्रकार के तत्वों को छोड़ दिया जाए तो भारतीय समाज हमेशा सहिष्णु रहा है।
ब्रिटेन से सीखो, बंद करो उर्दू और अरबी की पढ़ाई: शिवसेना

ब्रिटेन से सीखो, बंद करो उर्दू और अरबी की पढ़ाई: शिवसेना

शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रिटेन की सरकार से सीखने की नसीहत दी है, जिसने ब्रिटेन में अपने पति के साथ जीवनसाथी वीजा पर रह रहीं महिलाओं को अंग्रेजी न बोल पाने पर उनके देश वापस भेजने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही शिवसेना ने यह भी कहा है कि भारत के मदरसों में पढ़ाई के माध्यम के रूप में उर्दू और अरबी का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए और उनका स्थान अंग्रेजी या हिंदी को दिया जाना चाहिए।
एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री

एएमयू और जामिया नहीं हैं अल्पसंख्यक संस्थान: केंद्रीय मंत्री

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री राम शंकर कठेरिया का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं हैं। केद्रीय मंत्री ने कहा कि इनमें अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधाएं देकर दलितों, पिछड़ों और अन्य जातियों के छात्र-छात्राओं का हक मारा जा रहा है।
‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

मैं अयोध्या के बाराबंकी कस्बे का रहने वाला हूं। मैंने अपने इलाके और उसके आसपास कभी राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर नफरत का माहौल नहीं देखा। इस माहौल की शुरूआत दिल्ली से हुई। सन 1947 में हमारी जमीन बंटी और 1992 में हमारे दिल बंट गए। जिस दिन हमारे दिल बंटे, वह दिन हमारे लिए सबसे बदनसीब दिन था। चुनाव जीतने के चक्कर में हमारी नस्लें बरबाद हो गईं। हैरान हूं कि यह लोग अभी भी चैन से नहीं बैठ रहे हैं। आखिर यह इस मुद्दे को कहां ले जाकर छोड़ना चाहते हैं?
गोमांस के संदेह पर मुस्लिम दंपति से मारपीट, कई गिरफ्तार

गोमांस के संदेह पर मुस्लिम दंपति से मारपीट, कई गिरफ्तार

यूपी के दादरी में गोमांस की अफवाह पर एक व्‍यक्ति को पीट-पीटकर मार दिए जाने की घटना के बाद अब मध्‍य प्रदेश में इसी तरह का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के हरदा जिले में खिरकिया स्टेशन पर गोमांस के संदेह पर एक मुस्लिम दंपति के सामान की तलाशी और उनके साथ कथित तौर पर मारपीट किए जाने की खबर है।
एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर पलटवार की तैयारी

एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर पलटवार की तैयारी

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय ने सरकार के खिलाफ कवायद तेज कर दी है। गौरतलब है कि हाल ही में एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने के मामले में केंद्र सरकार ने कहा है कि वह हाईकोर्ट के उस फैसले को मानती है, जिसमें एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने से इंकार किया गया था।
एक से ज्यादा बीवी तो यूपी में नहीं बन पाएंगे उर्दू शिक्षक

एक से ज्यादा बीवी तो यूपी में नहीं बन पाएंगे उर्दू शिक्षक

उत्तर प्रदेश में साढ़े तीन हजार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। इस संबंध में जारी शासनादेश में एक से ज्यादा शादियां करने वालों को आवेदन के लिए अयोग्य ठहराया गया है। सरकार के इस फैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध करते हुए इसे मुसलमानों के शरई अधिकारों का हनन करार दिया है।
पिछड़ापन दूर करने के लिए आरक्षण जरूरी: मुस्लिम संगठन

पिछड़ापन दूर करने के लिए आरक्षण जरूरी: मुस्लिम संगठन

देश के अहम मुस्लिम संगठनों की प्रतिनिधि संस्था, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशावरत का मानना है कि मुसलमानों के लिए शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण की बेहद जरूरत है। मुशावरत ने विभिन्न क्षेत्रों में मुसलमानों के पिछड़ेपन की वजह अब तक की सरकारों की नीतियों को बताया है।
चर्चा: मंदिर के साथ कल्याण | आलोक मेहता

चर्चा: मंदिर के साथ कल्याण | आलोक मेहता

विश्व हिंदू परिषद ने ऐलान किया है कि सवा लांख गांवों में नए मंदिरों का निर्माण होगा। इस बार रामनवमी से यह काम शुरू हो जाएगा। घोषणा उत्तर प्रदेश में की गई है, लेकिन लक्ष्य देश भर के गांवों का है।
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