पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार सरताज अजीज के साथ दिल्ली में प्रस्तावित बैठक से पहले कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर लिया गया। हालांकि, मीरवाइज उमर फारूक, यासीन मलिक और शब्बीर शाह सहित अधिकांश हुर्रियत नेताओं को चंद घंटों के भीतर ही रिहा कर दिया गया है। बताया जाता है कि वरिष्ठ हुर्रियत नेता सैयद अली गिलानी पर पुलिस की निगरानी बरकरार है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अज़ीज़ से हुर्रियत नेताओं मुलाकात रोकने के लिए यह कार्रवाई की गई।
भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानी एनएसए स्तर की वार्ता से पहले पाकिस्तान ने कश्मीरी अलगाववादियों को बातचीत के लिए बुलाकर वार्ता को बड़ा झटका दिया है।
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के नेता सैयद अली शाह गिलानी के पासपोर्ट से संबंधित आवेदन पर तभी विचार करेगी पक जब तब वह सभी औपचारिकताओं को पूरा करेंगे।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मंगलवार को राज्य के लोगों से कहा कि व्यवस्था को पटरी पर लाने में वक्त लगेगा इसलिए पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के साथ थोड़ा धीरज रखें।
अमरनाथ यात्रा की अवधि 30 दिन तक सीमित करने की हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की मांग खारिज करते हुए हुए जम्मू-कश्मीर के उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कि अलगाववादी राज्य में अप्रासंगिक हो चुके हैं, लिहाजा अपनी ओर ध्यान खींचने की खातिर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं।
कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेताओं के पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित से यहां मुलाकात को लेकर भारत और पाकिस्तान में सोमवार फिर वाद-विवाद शुरू हो गया और भारत ने स्पष्ट किया कि किसी तीसरे पक्ष के लिए कोई भूमिका नहीं है।
पीडीपी और भाजपा की सरकार में हितों और वोटबैंक का टकराव शुरू। जम्मू-कश्मीर की नई सरकार बनने के बाद से लगातार खबरों में बनी हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को छोड़ने के बाद क्या तीन और कट्टरपंथी राजनीतिक कैदियों को छोड़ने का साहस जुटाएगी, जिसमें आशिक हुसैन फक्टू का नाम भी शामिल है।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद के मतभेद खुलकर सामने आ गये हैं। राजनाथ ने मुफ्ती के उस बयान से भारतीय जनता पार्टी की असहमति जतायी है जिसमें उन्होंने राज्य में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव का श्रेय पाक और हुर्रियत को दिया था।