देश के प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर ने आज कहा कि न्यायिक नैतिकता के साथ कभी भी समझौता नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि असामान्य घटनाओं से पूरी न्याय प्रणाली की छवि खराब हो सकती है। इसके साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों से कहा कि उन्हें उनकी सत्यनिष्ठा के बारे में लोगों की धारणा के बारे में आत्मचिंतन करना चाहिए।
देश में क्रिकेट के सुधार के लिए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के निर्देशों को लागू करने में बागी तेवर अपनाने और राज्य संगठनों को जल्दबाजी में करीब 400 करोड़ रूपये बांटने को लेकर भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) को आज उच्चतम न्यायालय की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस को एक बार फिर तगड़ा झटका दिया है। बुधवार को कांग्रेस के दो विधायक और कर्ई पार्षद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए।
विदेशी कोष नियमों का कथित उल्लंघन करने को लेकर गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर सरकार की कार्रवाई के बीच उच्चतम न्यायालय ने देश भर में कुकुरमुत्ते की तरह उग आए ऐसे करीब 30 लाख संस्थाओं को गंभीरता से लिया है। इनमें से कई एनजीओ बरसों से आयकर रिटर्न नहीं दाखिल कर रहे हैं।
भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी एस ठाकुर ने कहा है कि न्यायपालिका तभी हस्तक्षेप करती है जब कार्यपालिका अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में विफल हो जाती है।
बिहार में पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में फरारी काट रहे लड्डन मियां ने गुरुवार सुबह कोर्ट में सरेंडर कर दिया। लड्डन मियां को पूर्व आरजेडी सांसद शहाबुद्दीन का करीबी बताया जाता है। सीवान में राजदेव रंजन की हत्या के बाद से ही पुलिस को लड़डन मियां की तलाश थी।
संघर्ष सत्ता और सामाजिक व्यस्था में शिखर पर जगह बनाने को लेकर होता रहा है। लेकिन इसके उलट गांधी और मार्क्स दोनों निचले धरातल को ऊपर उठाकर पूरे समाज के उन्नयन की वकालत करते हैं।
पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एचएल दत्तू ने सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का अध्यक्ष पद संभाल लिया। वह आयोग के सातवें अध्यक्ष हैं। न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने पिछले साल 11 मई को अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था जिसके बाद कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर न्यायमूर्ति सिरियाक जोसफ कार्यभार संभाल रहे थे।
उच्चतम न्यायालय ने हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी का और विनिवेश करने से सरकार को मंगलवार को रोक दिया। इस संस्थान का प्रबंधन वेदांता की सहायक कंपनी के पास है।