Advertisement

Search Result : "1.77 लाख से अधिक"

राजेंद्र सिंह बोले, 2 लाख 65 हजार गांवों मे पीने का पानी नहीं होना चिंता का विषय

राजेंद्र सिंह बोले, 2 लाख 65 हजार गांवों मे पीने का पानी नहीं होना चिंता का विषय

मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्र सिंह ने कहा कि रिवर और सिवरेज सिस्टम अलग नहीं होने के कारण देश की नदियां मैला ढोने वाली मालगाड़ियां बन गई हैं। देश में 2 लाख 65 हजार गांवों मेंं पीने लायक पानी नहीं होना चिंता का विषय है। उन्‍होंने कहा कि जल तंत्र को बेहतर करने के लिए सघन प्रयास करने होंगे।
16 जूून की वो रात, त्रासदी के मिटे निशां, इस साल पहुंचेंगे सात लाख तीर्थालु

16 जूून की वो रात, त्रासदी के मिटे निशां, इस साल पहुंचेंगे सात लाख तीर्थालु

तीन साल पहले 16 जून की रात केदारनाथ में हुई भारी जल प्रलय के निशान अब मिटने लगे हैं। केदारनाथ मंदिर के पास शांत बह रही मंदाकिनी के नवनिर्मित किनारे श्रद़धालुओं में शायद यही संदेश दे रहे हैं, कि जख्‍म कितना भी घातक हो, वक्‍त सबसे बड़ा मरहम होता है। प्रलयंकारी उफान में 11,755 फुट की उंचाई पर स्थित हिमालयी धाम के डूबने के साथ ही देश भर से आये श्रद़धालु, पुजारी, व्यापारी और स्थानीय लोगों सहित करीब 5000 जिंदगियां बह गई थीं। रह गयी थी बस चीख और पुकार तथा अपनों का क्रंदन। उस मातमी माहौल को केदारनाथ की महिमा ने पीछे कर दिया है।
शिवराज का राज, मध्‍यप्रदेश में सात लाख बच्‍चे मजदूर, तीन लाख निरक्षर

शिवराज का राज, मध्‍यप्रदेश में सात लाख बच्‍चे मजदूर, तीन लाख निरक्षर

गैर सरकारी संगठन क्राई :चाइल्ड राइट एंड यू: के विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि मध्यप्रदेश में करीब सात लाख बच्‍चे मजदूर हैं। इनमें से तीन लाख बाल मजदूर या तो निरक्षर हैं या उनकी पढ़ाई-लिखाई मजदूरी करने की वजह से प्रभावित हो रही है।
बफे भोज के पैसों से करते हैं गरीबों की मदद, इस बार की सबसे बड़ी बोली 34 लाख डॉलर

बफे भोज के पैसों से करते हैं गरीबों की मदद, इस बार की सबसे बड़ी बोली 34 लाख डॉलर

अमेरिका के अरबपति वारेन बफे ने सैन फ्रांसिस्को के बेघर लोगों की मदद के लिए धन जुटाने के संबंध में एक बार फिर से अपने साथ दोपहर के भोजन की दावत नीलामी की है और इस बार सबसे अधिक बोली 34 लाख डॉलर की है। शुक्रवार को एक व्यक्ति ने रिकार्ड 34,56,789 डॉलर की बोली लगाई, जो अपना नाम जाहिर नहीं करना चाहता। इस विजेता ने 2012 में परोपकार के लिए ईबे पर बेची जाने वाली किसी वस्तु के लिए रिकॉर्ड 34,56,789 डॉलर का भी भुगतान किया था। ई-बे पर नीलामी प्रक्रिया पिछले रविवार को शुरू हुई और शुक्रवार रात पूरी हुई।
मुंबर्इ-पुणे एक्‍सप्रेस वे में भीषण सड़क दुर्घटना, 17 की मौत, 15 से अधिक घायल

मुंबर्इ-पुणे एक्‍सप्रेस वे में भीषण सड़क दुर्घटना, 17 की मौत, 15 से अधिक घायल

मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर रविवार तड़के में करीब 3 बजे हुई भीषण सड़क दुर्घटना में 17 लोगों की मौत हो गई। रायगढ़ के पास हुुए हादसे में करीब 15 लोगों को घायल बताया जा रहा है।
देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-वेस्‍ट पैदा होने का अनुमान

देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-वेस्‍ट पैदा होने का अनुमान

देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-कचरा पैदा होने का अनुमान है। अभी यह 18 लाख टन के स्तर पर है। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है। दुनिया में भारत पांचवां सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक है। एसोचैम-सीकाइनेटिक्स के अध्ययन में कहा गया है कि भारत का ई-कचरा सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
राज्यसभा चुनाव: गोयल, चिदंबरम, प्रभु और शरद निर्विरोध निर्वाचित

राज्यसभा चुनाव: गोयल, चिदंबरम, प्रभु और शरद निर्विरोध निर्वाचित

केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सुरेश प्रभु, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, जदयू नेता शरद यादव तथा तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक तथा द्रमुक के सभी प्रत्याशी नामांकन वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद आज राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए। वहीं कई राज्यों में पार्टी प्रत्याशियों की सांसें अभी अटकी हुई हैं। इन राज्यों में सीट से अधिक उम्मीदवार हो जाने की वजह से अंतिम फैसला 11 जून को मतदान के जरिये होगा।
भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में 83 लाख से ज्यादा आधुनिक गुलाम

भारत में बंधुआ मजदूरी, वेश्यावृत्ति और भीख जैसी आधुनिक गुलामी के शिकंजे में एक करोड़ 83 लाख 50 हजार लोग जकड़े हुए हैं। इस तरह दुनिया में आधुनिक गुलामी से पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या भारत में है। दुनिया भर में ऐसे गुलामों की तादाद तकरीबन चार करोड़ 60 लाख है।
छत्तीसगढ़ में 36 लाख परिवारों को निशुल्क खसरा

छत्तीसगढ़ में 36 लाख परिवारों को निशुल्क खसरा

छत्तीसगढ़ में पिछले लगभग एक महीने से जारी लोक सुराज अभियान के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पाया कि राज्य के किसान और ग्रामीण अपनी जमीन का खसरा-नक्शा लेने के लिए परेशान होते हैं। इसके लिए उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के 36 लाख परिवारों को उनकी जमीन का मुफ्त खसरा-नक्शा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement