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डेल्ही वाक्स: जायकों के लुत्फ के साथ शाहजहांबाद की गलियों की सैर

डेल्ही वाक्स: जायकों के लुत्फ के साथ शाहजहांबाद की गलियों की सैर

पुरानी दिल्ली की हर एक गली अपने आप में इतिहास समेटे हुए है। जब इन गलियों से हम गुजरते हैं तो कहीं से जायकों की खुशबू आती है तो कहीं हाथों की बेहतरीन कारीगरी का नमूना आंखों में बस सा जाता है। कभी शाहजहांबाद के नाम से मशहूर इस शहर की इसी सांस्कृतिक विरासत को समझने और नई पीढ़ी को उससे रूबरू कराने के मकसद से इंडिया सिटी वाक्स ने बुधवार को डेल्ही वाक्स का आयोजन किया।
नेहरू ने पुराने मूल्‍य छोड़ेे, दीनदयाल ने इन्‍हें संभाल भाजपा को दिया आधार

नेहरू ने पुराने मूल्‍य छोड़ेे, दीनदयाल ने इन्‍हें संभाल भाजपा को दिया आधार

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जवाहरलाल नेहरू पर हमला करते हुए कहा कि प्रथम प्रधानमंत्री का देश निर्माण का विचार पुरानी परंपराओं को छोड़ने और उनके स्थान पर आयातित विचारों को स्वीकार करने पर आधारित था। वहीं दूसरी ओर जनसंघ नेता दीनदयाल उपाध्याय ने भारतीय मूल्यों का संरक्षण करने का प्रयास किया।शाह ने कहा उपाध्याय को देश की पुरानी परंपराओं एवं मूल्यों के संंरक्षण में अटल विश्‍वास था। ऐसे विचारों ने ही भारतीय जनसंघ और बाद में भाजपा की स्थापना का मार्ग प्रशस्त किया।
पढ़ने की ऐसी ललक : 96 साल की उम्र में बने ग्रेजुएट

पढ़ने की ऐसी ललक : 96 साल की उम्र में बने ग्रेजुएट

विश्वविद्यालय से चीनी मिट्टी कला में स्नातक करने के साथ ही जापान के 96 वर्षीय एक व्यक्ति विश्व के सबसे अधिक उम्र में स्नातक करने वाले व्यक्ति बन गये हैं।
गांधी के पोते दिल्ली के ओल्ड एज होम में, गुजरात से क्यों आए, वजह नहीं बता रहे

गांधी के पोते दिल्ली के ओल्ड एज होम में, गुजरात से क्यों आए, वजह नहीं बता रहे

महात्मा गांधी के सबसे करीबी रह चुके उनके पोते कनु भाई गांधी दिल्ली के एक ओल्ड एज होम में रह रहे हैं। दिल्ली के बदरपुर इलाके के पास बसी इस बस्ती में पिछले कुछ समय से लोगों का आना जाना बढ़ गया है।
पुरानी दिल्ली में आज भी आते हैं भोजनभट

पुरानी दिल्ली में आज भी आते हैं भोजनभट

चांदनी चौक में सदियों पुरानी मुगल काल की दुकान घंटेवाला हाल में बेशक बंद हो गई हो, लेकिन आसपास के दूसरे चाट-पकौड़ी के ठिकाने आज भी खाने-पीने के शौकीनों से गुलजार रहते हैं।
पुराने मकान संस्कृति के प्रतीक हैं

पुराने मकान संस्कृति के प्रतीक हैं

कोलकाता की आलीशान और यूरोपीय बंगाली वास्तुशिल्प की बेजोड़ मिसाल बन चुके पुराने आलीशान मकानों को अंधाधुंध तरीके से ढहाने से बचाने के लिए नए कानून और उपायों की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रख्यात अंग्रेजी लेखक अमित चौधरी का कहना है कि ये महानगर की पहचान हैं और एक समृद्ध संस्कृति को अपने में समेटे हुए हैं। ब्रिटिश काउंसिल और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजलिया द्वारा आयोजित एक परिचर्चा से इतर 2002 के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता चौधरी ने कहा कि कोलकाता की बहुत सी ऐसी इमारतें समृद्ध वास्तुकला का अद्भुत नमूना हैं।
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