अब देश में एचआईवी-एड्स पीडि़त लोगों को नौकरी देने से इनकार करने या नौकरी से निकालने पर कड़ी सजा का सामना करना पड़ेगा। इस संबंध में एक नये कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गयी है।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने रोजगार के मसले पर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है। सिब्बल ने राजयसभा में कहा कि सरकार ने दो करोड़ रोजगार के अवसर मुहैया कराने का वादा किया था जबकि साल भर में एक लाख 30 हजार रोजगार के अवसर ही उत्पन्न हो पाए।
नोटबंदी के कारण अपनी नौकरी गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा पता करने के मकसद से कांग्रेस समूचे देश में सर्वेक्षण कर रही है, ताकि केंद्र की भाजपानीत सरकार को घेरा जा सके।
आर्थिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि नोटबंदी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये आगामी बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए। बाजार में मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जानी चाहिये।
देशभर में जहां कई राज्यों में पिछले चार साल में बेरोजगारी का प्रतिशत कम हुआ है, वहीं मध्यप्रदेश में बेरोजगारों की संख्या घटने के बजाय तेजी से बढ़ रही है। युवाओं की चिंता बढ़ाने वाला ऐसा खुलासा श्रम और रोजगार मंत्रालय की रिपोर्ट में किया गया है। यह रिपोर्ट संसद में पेश की गई है।
वैश्विक स्तर पर दिक्कतों तथा घरेलू मोर्चे पर नकदी की कमी की वजह से कर्मचारियों या नौकरी तलाश कर रहे लोगों के लिए नया साल चुनौतीपूर्ण रहेगा। कर्मचारी पहले से ही देखो और इंतजार करो की नीति अपना रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वेतनवृद्धि में भी कमजोर रुख दिख रहा है।
मुंबई के उपनगर कुर्ला में एक स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका ने यह आरोप लगाते हुए अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया कि उनकी नवनियुक्त वरिष्ठ के निर्देशों के कारण उनकी धार्मिक भावनाओं के साथ समझौता किया जा रहा है।
राज्य में किसी भी डॉक्टर ने सरकारी नौकरी छोड़ी तो पांच या दस लाख रुपए देकर जान नहीं छूटेगी। विशेषज्ञ डॉक्टर को बॉन्ड के तहत एक करोड़ रुपए की राशि सरकार को अदा करनी होगी। राज्य सरकार ने बांड की राशि में 10 गुना बढ़ोतरी कर दी है। पहले जहां दस लाख रुपए की राशि अदा करनी होती थी, वहीं अब यह राशि एक करोड़ की होगी। वहीं एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए यह राशि 50 लाख रुपए तय की है।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा हाल ही नियमों में किए गए संशोधन को स्वीकार कर लिया। इसकी प्रतिक्रिया में अध्यापकों का दावा है कि इससे करीब 4,000 अस्थायी अध्यापकों की नौकरी जा सकती है
बालीवुड में जब वी मेट, लव आज कल, रॉकस्टार जैसी फिल्मों से अलग पहचान बना चुके निर्देशक इम्तियाज अली का कहना कि जब वह मुंबई आए थे, तो उनका फिल्मकार बनने का कोई इरादा नहीं था, बल्कि किसी काम की तलाश में थे, ताकि वह वहां रह सके।