देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को लेकर लोग काफी जागरुक हो गए हैं। सभी देशवासी अपना-अपना सहयोग देकर देश को स्वच्छ और खुले मे शौच से मुक्ति बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।सिर्फ यही नहीं बल्कि काफी लोग ऐसे भी हैं, जो बिना सरकार के मदद के अपना काम स्वयं कर रहे हैं और नई मिसाल कायम कर रहे हैं।
आर्थिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि नोटबंदी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये आगामी बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए। बाजार में मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जानी चाहिये।
देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-कचरा पैदा होने का अनुमान है। अभी यह 18 लाख टन के स्तर पर है। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है। दुनिया में भारत पांचवां सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक है। एसोचैम-सीकाइनेटिक्स के अध्ययन में कहा गया है कि भारत का ई-कचरा सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।