इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं।
गुजरात राज्यसभा चुनाव की जंग अब चुनाव आयोग में चल रही है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दो वोटों की वैधता को लेकर आमने सामने हैं। दोनों दलों के दिग्गज आयोग के सामने अपनी दलील रख रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि दो विधायक ने वोट देने के दौरान अपने वोट भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिखाए हैं, इन्हें खारिज किया जाना चाहए तो भाजपा ने उऩके आरोप को निराधार बताया है।
देश के कई हिस्सों में टमाटर के आसमान छूते दामों ने लोगों को परेशान कर दिया है। इन दिनों जहां टमाटर के दाम 70-80 रुपये प्रति किलो हैं, वहीं एक जगह ऐसी है जहां टमामटर 10 रुपये किलो बिक रहा है।
राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए समर्थित मीरा कुमार को हराकर रामनाथ कोविंद भारत के नए राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। लेकिन आपको बता दें कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के वोटों के रिकॉर्ड को तोड़ पाने में कोविंद कामयाब नहीं हो सके।
देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में जारी मतदान के बीच नेता और जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। कोई सोशल मीडिया पर तो टीवी चैनल्स के माध्यम से। इस बीच लोकसभा के भूतपूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी राय व्यक्त की है।
मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी लागू करने के बाद कैशलेस इकॉनमी को प्रचारित किया गया। इस बीच हैरान करने वाला आंकड़ा आया है, जिसके अनुसार नोटबंदी के बाद कार्ड से लेन-देन में सिर्फ 7 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो सकी है।
ब्रिटेन में 8 जून को हुए आम चुनावों के बाद मतों की गिनती जारी है। इस बीच चुनावों के नतीजे और रुझान भी सामने आने लगे हैं। आम चुनाव के नतीजे प्रधानमंत्री थेरेसा मे के लिए निराशाजनक हो सकते हैं। लेबर पार्टी के खाते में 261 सीटें आ चुकी हैं। इसी के साथ पार्टी ने 2015 का आंकड़ा भी पार कर लिया है।
शिल्पा शिंदे को कम समय में बहुत लोकप्रियता मिली और वह अपने नाम के बजाय भाभीजी से ज्यादा लोकप्रिय हो गईं। फरवरी 2016 में उन्होंने फीस के विवाद के चलते बढ़िया टीआरपी बटोर रहा धारावाहिक भाभीजी घर पर हैं छोड़ दिया था। अब उन्हें सिने और टीवी आर्टिस्ट असोसिएशन (सीआईएनटीएए) से भी बाहर कर दिया गया है। धारावाहिक भाभी जी से निकलने के बाद वह बिना घर यानी काम की थीं अब तो उन्हें संगठन से भी हाथ धोना पड़ा है।