केंद्र सरकार अपने अधिकारियों को हर साल लगभग एक लाख करोड़ रुपये वेतन भत्तों के रूप में देती है। फिर भी सरकार के केंद्रीय मंत्रियों की एक बैठक में कामकाज की समीक्षा के दौरान एक वरिष्ठ अधिकारी ने व्यंग्य के साथ कहा कि 'बंदर के मुंह में मूंगफली का दाना डाला जाए, तो वैसा ही परिणाम मिल सकता है।’
केंद्र सरकार ने अपने करीब 33 लाख कर्मचारियों के लिए मंगलवार को सालाना बोनस की घोषणा की, जो पिछले दो वर्षों से बकाया था। इस बारे में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 2014-15 और 2015-16 का बोनस संशोधित मानदंडों के आधार पर जारी किया जाएगा। यह दो वर्षों से बकाया था। इसके बाद बोनस को सातवें वेतन आयोग के तहत दिया जाएगा।
हरियाणा के खेल मंत्री अनिल विज ने डेरा सच्चा सौदा को 50 लाख रुपये क्या दिए मानो बर्र के छत्ते में हाथ दे दिया। विरोधियों ने उनपर चौतरफा हमला बोल दिया है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि विज ने पिछले विधानसभा चुनाव में डेरा प्रमुख द्वारा भाजपा का समर्थन करने के बदले यह राशि दी है।
भाजपा नीत एनडीए सरकार में और किसी के अच्छे दिन आए हों या न आए हों मगर लगता है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं। वित्त वर्ष 2014-15 के मुकाबले 2015-16 में प्रधानमंत्री के पास मौजूद नकदी में 19 गुणा बढ़ोतरी हुई है।
आभूषण विक्रेताओं और हाजिर बाजार में मांग बढ़ने से स्थानीय सर्राफा बाजार में शनिवार को सोना 540 रुपये उछलकर 31,340 रपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। गत 29 माह में पहली बार सोना 31,000 रुपये के पार निकला है।
जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार देश में 72.89 करोड़ लोग नॉन वर्कर हैं। इनमें से 3.7 लाख लोग भिखारी हैं। आंकड़ों के अनुसार देश की कुल आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 14.23% है।
चीन में भारी बारिश और बाढ़ की वजह से 250 से अधिक लोगों के मरने की आशंका है। 132 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 120 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। वहीं मध्य हुबेई प्रांत में अब भी लगभग ढाई लाख लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह जब से देश और भाजपा की कमान संभाले हैं तब से पार्टी के 75 साल पार हो चुके बड़े-बुजुर्ग नेताओंं को धीरे-धीरे किनारे किया जा रहा है। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक का दर्जा देकर सक्रिय राजनीति से अलग किया गया। शांता कुमार और यशवंत सिन्हा को भी अलग-थलग कर दिया गया। इसके बाद मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह समेत कुछ अन्य मंत्रियों को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया।