हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत की पहली बरसी पर उसके पिता मुजफ्फर अहमद वानी ने कश्मीर घाटी में खून-खराबे की जगह शांति और एकता स्थापित करने की बात कही है। बुरहान के पिता ने एक विडियो मेसेज जारी कर लोगों से कहा है कि वो बेटे की बरसी पर वह किसी तरह की अप्रिय घटना या हिंसा नहीं चाहते है। वह सिर्फ शांति और एकता चाहते हैं।
एक ओर जहां आतंकी संगठन हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर को एक साल पूरा होने पर कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां चौकन्ना हैं। वहीं, इस बीच कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने एक विवादित बयान दे डाला है।
वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की 32वीं बरसी पर राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिल देव सिंह ने कहा है कि कर्तव्य की उपेक्षा करने वाले और दंगाइयों पर आंखें बंद कर लेने वाले सरकारी अधिकारियों को हिंसा में सहायता करने वाला घोषित किया जाना चाहिए।
तकरीबन 9000 लोगों की जानें लील लेने वाले विनाशकारी भूकंप की पहली बरसी पर आज हजारों नेपालियों ने मृतकों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस बीच तंबुओं में जीवन बिताने के लिए अभिशप्त पीड़ित सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वह उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है।
वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।