11 फिल्मफेयर अवार्ड और छः नेशनल फ़िल्म अवार्ड, सिनेमा ऐसा कि उसकी नकल इटैलियन सिनेमा और हॉलीवुड तक ने की। जमींदारों के परिवार मे जन्म लिया पर फिल्में बनाईं गरीबी और औरतों के शोषण पर, कलकत्ता से मुम्बई तक की यात्रा और 50 के दशक में कांस फिल्म फेस्टिवल में सम्मान।
बॉलीवुड में पिछले कुछ समय से लीक से हटकर फिल्में बनाने का दौर चल रहा है। यूं तो बॉलीवुड में हमेशा से जब-तब अलग तरह के विषयों पर फिल्में बनती रहीं हैं। पहले इन फिल्मों को दर्शक वर्ग न होने का बहाना बनाकर खारिज कर दिया जाता था। पर अब पिछले कुछ समय मे सोशल मीडिया के कारण हर मुद्दे के बारे में लोग की समझ बढ़ी है।
चार्ली की हर फिल्म में आपको एक गंभीर डिबेट दिख जाएगी। 'द डिक्टेटर' में चार्ली का दिया गया लास्ट भाषण ही सुन लीजिए। मानवता के प्रति प्रेम, युद्ध-गुस्सा, मशीनीकरण पर मानव की विजय का कितना गंभीर फोटो खिंचते हैं चार्ली
आठ दशक लंबे स्वर्णिम दौर के बाद दिल्ली का प्रतिष्ठित सिनेमाघर रीगल कल बंद हो जाएगा। इसमें दिखाई जाने वाली अंतिम फिल्म होगी अभिनेता राजकपूर की मेरा नाम जोकर और संगम।