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कमाल इंडिया : सहस्राब्दि की 10 युवा हस्तियों की टाइम सूची में उमेश सचदेव

कमाल इंडिया : सहस्राब्दि की 10 युवा हस्तियों की टाइम सूची में उमेश सचदेव

टाइम पत्रिका की सहस्राब्दि के 10 युवाओं की ताजा सूची में 30 वर्षीय भारतीय उद्यमी उमेश सचदेव भी हैं, जो एक ऐसा फोन बना रहे हैं जिसमें किसी भाषा में निर्देशों का आदान-प्रदान किया जा सकता है। इन हस्तियों के काम दुनिया में लोगों के जीवन को बदलने की संभावना रखते हैं। सचदेव को टाइम द्वारा 2016 की सूची में ऐसा फोन बनाने के लिए शमिल किया गया है जो किसी भी भाषा को समझ कर उसमें जवाब दे सकता है।
चीनी मीडिया ने उड़ाया भारत का मजाक

चीनी मीडिया ने उड़ाया भारत का मजाक

अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।
सुरक्षा परिषद सीट के लिए जापान से गठजोड़ भारत की गलतीः चीन

सुरक्षा परिषद सीट के लिए जापान से गठजोड़ भारत की गलतीः चीन

चीन ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग के लिए जापान, जर्मनी और ब्राजील के साथ भारत का गठबंधन करना एक बहुत बड़ी गलती है।
उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्च शिक्षा या शिक्षा मात्र विचारहीनता के संकट से गुजर रही है। अभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को फरमान जारी किया है कि वे चयन आधारित क्रेडिट व्यवस्था वाले पाठ्यक्रम 2015-16 से लागू करें। यह एक असाधारण आदेश है। विश्वविद्यालयों में क्या पढ़ाया जाएगा, क्या नहीं, यह तय करना आयोग के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है। फिर भी, न सिर्फ उसने यह हुक्म जारी किया है, बल्कि अपने वेबसाईट पर उसने अनेक विषयों के पाठ्यक्रम बनाकर लगा भी दिए हैं। विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे इन्हें तुरंत लागू करें। इनमें बीस प्रतिशत की हेर-फेर करने की छूट उन्हें है। यह अभूतपूर्व है और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में सीधा हस्तक्षेप है। मज़ा यह है कि आयोग यह नहीं बता रहा कि आखिर ये पाठ्यक्रम तैयार किन्होंने किए हैं! स्वाभाविक है कि उसके इस कदम का शिक्षकों की ओर से कड़ा विरोध हो रहा है।