देश में नोटबंदी करने के बाद भारतीय मुद्रा रुपये की विश्वसनीयता विश्व बाजार में गिरी है। नेपाल, भूटान, दुबई, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका सहित विश्व के कई देशों में रुपये को शक-सुबहे की दृष्टि से देखा जा रहा है। इससे फ्री ट्रेडिंग में भारतीय रुपये को खर्च करने में लोगों को दिक्कत आ रही है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नोटबंदी पर अभी गुस्सा थमा नहीं है। शुक्रवार को उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी नोटबंदी के मुद्दे पर झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 500 और 1000 रूपए के नोटों को अमान्य करार दिए जाने के कारण लोग 1.28 लाख करोड़ रूपए की राशि से हमेशा के लिए हाथ धो बैठे हैं।
देश के 10 प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल का चार राज्यों में व्यापक असर पड़ा है। केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल, बिहार और झारखंड में हड़ताल के चलते बैंकिंग, औद्योगिक, वाणिज्यिक और परिवहन सेवाओं पर असर देखा गया। बैंकिंग सेवाएं तो देश भर में प्रभावित हुई हैं। राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई में सेवाएं सामान्य रहीं। महाराष्ट्र के ग्रामीण क्षेत्रों में हड़ताल की अपील का मिला-जुला असर दिखा। राष्ट्रीयकृत बैंक बंद रहे। प्राइवेट बैंक कहीं खुले रहे, कहीं बंद।
साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 50,000 मुसलमानों के पलायन करने का दावा करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को भाजपा से कहा कि क्या वह वहां एक तथ्यान्वेषी टीम भेजेगी, जैसा कि इसने हिंदुओं के कथित पलायन के मुद्दे पर कैराना भेजी है।
बैंकों काेे करीब नौ हजार करोड़ रुपए की चपत लगाने वाले विजय माल्या के लिए अच्छी खबर है। इंटरपोल ने माल्या पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रारंभिक समीक्षा पूरी कर ली है। इंटरपोल का कहना है कि नोटिस जारी करने के लिए माल्या के खिलाफ अब तक कोई आपराधिक मामला साबित नहीं हुआ है।
एक घंटे के सफर वाली फ्लाइट्स का किराया 2500 रुपये तक सीमित हो सकता है। केंद्र सरकार जल्द ही इस बारे में फैसला कर सकती है। एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार नई राष्ट्रीय उड्डयन नीति में ऐसा प्रस्ताव शामिल किया गया है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मान लेती है तो यह यात्रियों के लिए यह बड़ी राहत की बात होगी। किराए में सभी तरह के शुल्क शामिल होंगे।
पचास से अधिक मौतों और 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले की जांच करना सीबीआई के सामने भी एक कड़ी चुनौती साबित होगी। साक्ष्यों की जांच, प्रमाणिकता के साथ-साथ, सत्ता के शीर्ष की भूमिका को किस तरह से जांच के दायरे में लेगी सीबीआई, इसी पर टिकी हैं, सबकी निगाहें