इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.1 फीसदी रही थी। अर्थशास्त्री जीडीपी ग्रोथ में गिरावट की मुख्य वजह नोटबंदी को मान रहे हैं।
देश के कई हिस्सों में टमाटर के आसमान छूते दामों ने लोगों को परेशान कर दिया है। इन दिनों जहां टमाटर के दाम 70-80 रुपये प्रति किलो हैं, वहीं एक जगह ऐसी है जहां टमामटर 10 रुपये किलो बिक रहा है।
मोदी सरकार द्वारा देश में नोटबंदी लागू करने के बाद कैशलेस इकॉनमी को प्रचारित किया गया। इस बीच हैरान करने वाला आंकड़ा आया है, जिसके अनुसार नोटबंदी के बाद कार्ड से लेन-देन में सिर्फ 7 फीसदी तक बढ़ोत्तरी हो सकी है।
सोमवार को पूर्व कप्तान सरदार सिंह से इंग्लैंड की पुलिस ने 4 घंटे तक पुछताछ की है। कहा जा रहा है कि उन्हें 25 जून को टूर्नामेंट खत्म होने से पहले दूसरे दौर की पूछताछ के लिए फिर बुलाया जा सकता है।
मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां किसान आंदोलन की आग लगी हुई है वहीं किसानों की मौतें भी थमने का नाम नहीं ले रही है। 24 घंटे के अंदर तीन किसानों की मौतों से एक बार फिर शिवराज सरकार पर सवालिया निशान लग गया है।
मध्य प्रदेश में गोलीबारी से 6 किसानों की मौत के बाद अब महाराष्ट्र में भी दर्दनाक घटना सामने आई है। महाराष्ट्र में 24 घंटे के भीतर 4 किसानों ने खुदकुशी कर ली है।
मध्यप्रदेश बोर्ड के दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों की घोषणा ने प्रदेश में उफान ला दिया है। परिणाम घोषित होने के कुछ ही घंटों में दो सगे भाई-बहन सहित 12 छात्रों ने आत्महत्या कर ली।
शिल्पा शिंदे को कम समय में बहुत लोकप्रियता मिली और वह अपने नाम के बजाय भाभीजी से ज्यादा लोकप्रिय हो गईं। फरवरी 2016 में उन्होंने फीस के विवाद के चलते बढ़िया टीआरपी बटोर रहा धारावाहिक भाभीजी घर पर हैं छोड़ दिया था। अब उन्हें सिने और टीवी आर्टिस्ट असोसिएशन (सीआईएनटीएए) से भी बाहर कर दिया गया है। धारावाहिक भाभी जी से निकलने के बाद वह बिना घर यानी काम की थीं अब तो उन्हें संगठन से भी हाथ धोना पड़ा है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने मंगलवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 7.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि करेगी जबकि अगले दो वित्त वर्ष में यह बढ़कर 7.7 प्रतिशत तक रहेगी।
ऑस्ट्रेलिया के गिरजाघरों में बाल यौन शोषण संबंधी एक जांच के जो आकंड़े सामने आए हैं वह चौंकाने वाले हैं और उनका बचाव नहीं किया जा सकता। इनसे पता चलता है कि वर्ष 1950 से 2010 के बीच सात फीसदी कैथोलिक पादरियों पर बाल शोषण के आरोप लगे थे लेकिन इनकी कभी जांच नहीं की गई।