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बर्थडे स्पेशल: 'एक कहानी अल्लाह के बन्दे की'

बर्थडे स्पेशल: 'एक कहानी अल्लाह के बन्दे की'

मेरठ में एक कश्मीरी पंडितों के परिवार में जन्में,13 साल की उम्र मे घर छोड़ देने वाले, बिजनेस में भारी घाटे के बाद मायानगरी मुम्बई का रूख करने वाले कैलाश खेर आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं।
भाजपा सरकार और इंदु सरकार फिल्म के बीच क्या रिश्ता है

भाजपा सरकार और इंदु सरकार फिल्म के बीच क्या रिश्ता है

क्या इंदु सरकार फिल्म रीलिज होने का यह सबसे मुफीद वक्त है। फिल्म और राजनीति का रिश्ता पुराना है। राजनैतिक घटनाओं पर फिल्में बनती रही हैं और फिल्मी संवादों को बहुत बार संसद में दोहराया गया है। फिल्म का ट्रेलर देख कर लग रहा है कि कांग्रेस की सबसे सशक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कई ऐतिहासिक फैसलों और कामों को छोड़कर सिर्फ आपातकाल के मुद्दे को दिखाना कहीं फिल्मों के जरिए राजनैतिक फायदा उठाना तो नहीं है। अब तक इस ट्रेलर को देख कर चुप्पी भी बहुत सी कहानियों को जन्म दे रही है।
दिलचस्प रहा बर्थ-डे गर्ल किरण खेर का फिल्म से राजनीति तक का सफर

दिलचस्प रहा बर्थ-डे गर्ल किरण खेर का फिल्म से राजनीति तक का सफर

फिल्म से राजनीति तक का सफर बखूबी तय करना यह सबके बस की बात नहीं, लेकिन थिएटर, बॉलीवुड और टीवी एक्ट्रेस किरण खेर ने यह सफर काफी शानदार तरीके से तय किया। किरण आज अपान 62वां जन्मदिन मना रही हैं। किरण वर्तमान में चण्डीगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
अनुपम खेर बनेंगे द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर

अनुपम खेर बनेंगे द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर

अनुपम खेर ज्यादा बोलते हैं इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि वह लगभग चुप रहने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भूमिका नहीं निभा सकते। अनुपम अच्छे कलाकार हैं और उनका फिल्म से लेकर मौजूदा सरकार तक बराबर दखल है। शायद यही वजह है कि ऐन आम चुनाव से पहले एक घोर राजनैतिक फिल्म में पूर्व प्रधानंमत्री की भूमिका निभाएंगे।
अब फिल्मों के साथ मंदिर में भी दिखेंगे ये अभिनेता

अब फिल्मों के साथ मंदिर में भी दिखेंगे ये अभिनेता

बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन अब सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि मंदिर में भी देखने को मिलेंगे। यह मंदिर कहीं और नहीं बल्कि कोलकाता में ही हैं। जहां बिग बी के कद से भी ऊंची उनकी मूर्ती स्थापित की गई है। यह मंदिर किसी और ने नहीं बल्कि उनके प्रशंसकों ने मिलकर बनाई है।
अलविदा विनोद, रुक जाना नहीं तू कहीं हार के....

अलविदा विनोद, रुक जाना नहीं तू कहीं हार के....

खलनायकी से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाले विनोद खन्‍ना अपनी चिर परिचित मुस्‍कान और रोबीले चेहरे की वजह से नायक की भूमिका में सिने प्रेमियों को ज्‍यादा अच्‍छे लगे। उनका जादू कुर्बानी से लेकर अमर अकबर एंथोनी तक खूब चला।
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