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अब राजस्थान के अस्पताल में 51 दिनों में 81 बच्चों की मौत

अब राजस्थान के अस्पताल में 51 दिनों में 81 बच्चों की मौत

गोरखपुर के बाद अब राजस्थान में बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। यह मामला बांसवारा के महात्मा गांधी अस्पताल का है, जहां करीब 51 दिनों में 81 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है।
मौतों के दर्दनाक आंकड़ें: गोरखपुर के बीआरडी में इस महीने 296 बच्चों ने गंवाई जान

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मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक इंसेफेलाइटिस, एनआईसीयू तथा सामान्य चिल्ड्रन वार्ड में कुल 1250 बच्चों की मौत हो चुकी है।
झारखंड के अस्पताल में 30 दिन में 52 बच्चों की मौत, NHRC का राज्य सरकार को नोटिस

झारखंड के अस्पताल में 30 दिन में 52 बच्चों की मौत, NHRC का राज्य सरकार को नोटिस

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और छत्तीसगढ़ के अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर से अभी हम उबरे ही नहीं थे कि अब जमशेदपुर के अस्पताल में एक साथ कई बच्चों की मौत ने चौंका दिया है।
नहीं रहे पीपली लाइव के एक्टर सीताराम पंचाल

नहीं रहे पीपली लाइव के एक्टर सीताराम पंचाल

पान सिंह तोमर और पीपली लाइव जैसी फिल्मों में बेहतरीन किरदार निभाने वाले अभिनेता सीताराम पंचाल का गुरुवार सुबह निधन हो गया। वह कैंसर से पीड़ित थे।
शिमला गैंगरेप मामला: वीरभद्र सिंह के खिलाफ पार्टी में बगावत, मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग

शिमला गैंगरेप मामला: वीरभद्र सिंह के खिलाफ पार्टी में बगावत, मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग

6 कांग्रेस विधायकों ने हाईकमान को चिट्ठी भेजी है। उन्होंने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कुर्सी से हटाने की मांग की है। वीरभद्र सिंह पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं।
आजमगढ़ में जहरीली शराब से 21 मरे, सरकार पर सवाल

आजमगढ़ में जहरीली शराब से 21 मरे, सरकार पर सवाल

एक तरफ कई राज्य सरकारें शराबबंदी पर जोर दे रही हैं तो दूसरी तरफ यूपी में जहरीली शराब से हुई मौतों ने सरकार की नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आजमगढ़ व लखनऊ में जहरीली शराब पीने से 23 लोगों की मौत हो चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम के निर्देश पर डीएम ने थानाध्यक्ष रौनापर, इलाके के सब इंस्पेक्टर समेत तीन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है तथा मजिस्ट्ररियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। सवाल यह है कि क्या निलंबन और जांच से मृतकों के परिजनों को न्याय मिल पाएगा और क्या इस तरह का गोरखधंधा बिना पुलिस की मिलीभगत के संभव है। सरकार क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगा पाएगी।
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