इस बार दर्शकों के सामने दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर आई हैं। दोनों चर्चित और बड़ी फिल्में हैं। लेकिन यदि दर्शकों जो भी फिल्म देख लें या तो वे कुएं में गिरेंगे या खाई में। अजय देवगन और करण जौहर दोनों ही ने अपनी कमजोर निर्देशकीय पारी खेली है।
अमिताभ बच्चन के बारे में अब क्या कहा जाए, समझ में नहीं आता। जैसे-जैसे वह उम्रदराज हो रहे हैं। उनमें एक नई आभा दिख रही है। शायद यह उनके अथक और अनवरत परिश्रम का नतीजा है। लिहाजा अगर हम कहें कि चलते रहने का नाम अमिताभ है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
जीवन के 74 वसंत पूरे करने वाले हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन ने आज कहा कि यह अपने देश के सैनिकों के साथ एकजुटता प्रकट करने का समय है जो सीमा पर आतंकी हमलों का सामना कर रहे हैं।
प्रतिष्ठित आउटलुक ग्रुप के सोशल मीडिया अवार्ड में सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन को सुपरनोवा ऑफ द ईयर सम्मान से नवाजा गया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पॉलिटिशन ऑफ द ईयर, इतिहासकार रामचंद्र गुहा को इंटेलेक्चुअल ऑफ द ईयर, निखिल वाघले को जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर, पेटीएम के विजय शेखर शर्मा को बिजनेसपर्सन ऑफ द ईयर, आईएएस अशोक खेमका को ब्यूरोक्रेट ऑफ द ईयर, प्रियंका चोपड़ा को मूवी स्टार ऑफ द ईयर घोषित किया गया।
लाजवाब अभिनेता अमिताभ बच्चन ने अपनी कुछ फिल्मों में बेहतरीन हास्य किरदार भी निभाया है। हंसाने की इसी अदा के साथ अमिताभ बच्चन ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मार्कंडेय काटजू द्वारा उन्हें 'खाली दिमाग' कहने का बेहद मुलायमी ढंग से हल्के अंदाज में जवाब दिया।
पिंक फिल्म के निर्देशक अनिरुद्ध रॉय बांग्ला फिल्मों के जाने-माने निर्देशक हैं। अपनी प्रतिभा के अनुसार ही उन्होंने एक अच्छी कहानी को और अच्छे निर्देशकीय कौशल में बांध दिया है। यह फिल्म अमिताभ बच्चन के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस फिल्म ने फिर साबित किया है कि वह महत्वपूर्ण और मुकम्मल कलाकार क्यों हैं।
सरकार ने पहली बार अप्रत्याशित कदम उठाते हुए इस साल चार खिलाडि़यों को देश का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देने का फैसला किया है। इनमें ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और साक्षी मलिक के अलावा जिम्नास्ट दीपा कर्मकार और निशानेबाज जीतू राय भी शामिल हैं। खेल मंत्रालय ने आज इसकी घोषणा की।
पुरूष हॉकी टीम और सेना के रोवर दत्तू बबन भोकनलाल को छोड़कर भारत के लिए रियो ओलंपिक का पहला दिन निराशाजनक रहा। पुरूष हॉकी टीम ने जहां ओलंपिक में पहला लीग मैच नहीं जीत पाने का 12 साल पुराना कलंक धो दिया वहीं भोकनलाल पुरूषों के एकल स्क्रल में अपनी हीट में तीसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। इन दोनों को छोड़कर भारतीय दल को निशानेबाजी, टेनिस, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में निराशा ही हाथ लगी।