आमतौर पर जन आंदोलनों की तरफ ध्यान तभी जाता है जब कोई बड़ी हस्ती शामिल हो या कहीं हिंसा भड़क जाए। लेकिन पिछले दो हफ्ते से राजस्थान के शेखावाटी में फैला किसान आंदोलन न सिर्फ शांतिपूर्ण है बल्कि अपने मुद्दों और मकसद पर कायम भी है।
ऐसे दौर में जब रोहिंग्या शरणार्थियों का मुद्दा चल रहा है, स्वामी विवेकानंद इजरायल के शरणार्थियों की बात करते हैं। वैचारिक असहमतियों को सहन न कर पाने के इस दौर में उनकी बात याद करने लायक है, जब उन्होंने कहा था कि सांप्रदायिकताएं, कट्टरताएं और इसकी भयानक वंशज हठधर्मिता लंबे समय से पृथ्वी को अपने शिकंजों में जकड़े हुए हैं।
इस साल दो सितंबर को एक ओर जहां ज्यादातर लोग ईद मनाने में लगे थे, वहीं निसार अहमद दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में अपना हुनर दिखा रहा था। निसार ने दिल्ली स्टेट एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 100 और 200 मीटर स्प्रिंट प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है।