अपनी अपकमिंग फिल्म ‘चंदा मामा दूर के’ लिए जी-जान से मेहनत करने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत नासा से भी ट्रेनिंग ले चुके हैं। सुशांत के बाद अब अभिनेता आर माधवन भी नासा की ओर बढ़ने वाले हैं।
पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कुंदन पाहन ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया कि साल 2000 में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड के साथ उसने झुमरा पहाड़ पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी।
पाकिस्तान में बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर सोमवार देर रात आतंकी हमला हुआ। जिसमें 60 पुलिस ट्रेनी और अफसरों की मौत हो गई। हमले में 120 लोग घायल बताए जा रहे हैं। सेना की वर्दी में चेहरे पर नकाब लगाकर आए इन आतंकियों के हाथ में कलाश्निकोव गन थी। आतंकियों ने पुलिसवालों को बंधक बना लिया था। जवाबी कार्रवाई में हमला करने वाले तीनों आतंकी मारे गए। तीनों ने सुसाइड जैकेट पहन रखी थी। हमले के वक्त कैम्पस में पुलिस के 700 जवान मौजूद थे।
सीबीआई ने इस साल फरवरी में रोहतक में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा एवं आगजनी की घटनाओं की जांच के लिए आज तीन मामले दर्ज किए। इनमें हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर जलाए जाने की घटना से संबंधित मामला भी शामिल है।
सरकार की एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के समक्ष 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है। विभाग अब तक केवल 3,074 कर्मियों को ही जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध करा पाया है।
केरल के मंदिरों में संघ परिवार से जुड़े संगठनों की गतिविधियों पर काबू पाने के अपने संकल्प पर आगे बढ़ते हुए प्रदेश की माकपा नीत एलडीएफ सरकार ऐसे स्थलों पर किसी प्रकार के हथियारों के प्रशिक्षण पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक परिपत्र जारी करने वाली है।
मुंबई की विशेष मकोका अदालत ने 2006 के औरंगबाद हथियार मामले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी और 26/11 का साजिशकर्ता सैयद जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल समेत सात आरोपियों को भी उम्र कैद की सजा सुनाई है। इससे पहले 28 जुलाई को कोर्ट ने 2006 के औरंगबाद हथियार ढुलाई मामले में आज 12 आरोपियों को दोषी करार दिया था।
सरकार से अनुदान के तौर पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा रकम और विदेशों से 10 लाख रुपये से अधिक दान प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) अब लोकपाल के दायरे में आएंगे। नए नियमों के तहत, इस तरह के एनजीओ के पदाधिकारियों को लोक सेवक माना जाएगा और अनियमितताओं के मामले में भ्रष्टाचार-रोधी कानून के तहत इन पर मामला चलाया जाएगा।